डीएनडी फ्लाइवे मुद्दे पर फरवरी में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली । दिल्ली नोएडा डाइरेक्ट (डीएनडी) पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश से संबंधित मामले पर सुप्रीम कोर्ट फरवरी में सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट ने कहा है कि इस फ्लाइवे का इस्तेमाल करने वालों से कोई टाल नहीं वसूला जाएगा। हाई कोर्ट के आदेश को एनटीबीसीएल ने चुनौती दी है।

यह मामला जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ के सामने पेश किया गया। पीठ को सूचित किया गया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा रिपोर्ट दायर की जा चुकी है। पिछले वर्ष नवंबर में शीर्ष अदालत ने सीएजी से कंपनी के दावे की जांच करने के लिए कहा था। कंपनी ने दावा किया था कि परियोजना पर हुए पूरे खर्च की वसूली नहीं हो पाई है।

11 नवंबर 2016 को शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस्तेमाल करने वालों के लिए फ्लाइवे टोल फ्री बना रहेगा। शीर्ष अदालत नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (एनटीबीसीएल) की दलील से सहमत नहीं हुई थी। एनटीबीसीएल ने कहा था कि हाई कोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो फर्म को अपूरणीय क्षति होगी।

हाई कोर्ट ने पिछले वर्ष 26 अक्टूबर को कहा था कि 9.2 किलोमीटर लंबे आठ लेन वाले फ्लाइवे का इस्तेमाल करने वालों से अब टोल नहीं लिया जाएगा। हाई कोर्ट ने फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका मंजूर करते हुए आदेश दिया था। एसोसिएशन ने एनटीबीसीएल द्वारा इस्तेमाल शुल्क के नाम पर टोल और लेवी वसूली को चुनौती दी थी।

हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती में एनटीबीसीएल ने कहा है कि उसके सभी पहलुओं और तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया गया। निर्माण लागत पर ब्याज, अवमूल्यन और देखरेख पर होने वाले खर्च जैसे तथ्यों की उपेक्षा की गई। फर्म ने कहा है कि देखरेख पर रोजाना 12.5 लाख रुपये खर्च होते थे।

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