भारतमाला, सागरमाला योजना के बाद अब पर्वतमाला की बारीः पीएम मोदी

बदरीनाथ, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आधुनिक कनेक्टिविटी राष्ट्ररक्षा की गारंटी है। भारतमाला, सागरमाला योजना के बाद अब पर्वतमाला की बारी है। पर्वतमाला के तहत उत्तराखंड और हिमाचल में रोपवे नेटवर्क का बड़ा काम आगे बढ़ने वाला है। पीएम चीन सीमा के पास स्थित माणा गांव में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव है। उन्होंने कहा कि आधुनिक कनेक्टिविटी राष्ट्ररक्षा की भी गारंटी होती है। इसलिए बीते आठ सालों से हम इस दिशा में एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। भारतमाला के तहत देश के सीमावर्ती क्षेत्रों को बेहतरीन और चौड़े हाईवे से जोड़ा जा रहा है। सागरमाला से अपने सागर तटों की कनेक्टिविटी को सशक्त किया जा रहा है, सागरमाला और भारतमाला के बाद अब पर्वत माला की बारी है। इससे पहाड़ों पर विकास हो रहा है। रोपवे और ट्रेनें चलेंगी। उन्होंने कहा कि पहले जिन इलाकों को देश की सीमाओं का अंत मानकर नजरांदाज किया जाता था, हमने वहां से समृद्धि का आरंभ मानकर काम शुरू किया। पहले देश का आखिरी गांव जानकर जिसकी उपेक्षा की जाती थी, हमने वहां के लोगों की अपेक्षाओं पर फोकस किया।पीएम ने कहा कि कुछ लोगों को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का हर कार्य उनको अपराध की तरह लगता है। लंबे समय तक हमारे यहां अपने आस्था स्थलों के विकास को लेकर एक नफरत का भाव रहा। विदेशों में वहां की संस्कृति से जुड़े स्थानों की ये लोग तारीफ करते-करते नहीं थकते थे, लेकिन भारत में इस प्रकार के काम को हेय दृष्टि से देखा जाता था। उन्होंने सोमनाथ और राम मंदिर का उदाहरण दिया। पीएम ने कहा कि इन सवालों के जवाब देने के लिए ईश्वर ने मुझे यह काम दिया है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत जय बदरी विशाल और बाबा केदार के जयकारे के साथ की। उन्होंने नाम न लेते हुए विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा। कहा कि हमारे देश को गुलामी की जंजीरों ने ऐसा जकड़ रखा है कि कुछ लोगों को विकास के कार्यों पर सवाल उठाते हैं। पहले देश में अपनी ही संस्कृति को लेकर हीन भावना थी। लेकिन अब केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, काशी उज्जैन अयोध्या जैसे श्रद्धा के केंद्र अपनी भव्यता को दर्शा रहे हैं। देश में अब गुलामी की मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है। कहा कि पहले की सरकारों ने सीमांत के लोगों के सामर्थ्य को उन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल किया है। लेकिन आज सीमांत के लोग संतोष में हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *