लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश, DTC पर ‘श्वेत पत्र’ लाए दिल्ली सरकार: भाजपा

नई दिल्ली । दिल्ली की सड़कों पर कम हो रही बसों की संख्या के लिए भाजपा ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा का कहना है कि पिछले छह वर्षों से दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बेड़े में एक भी बस शामिल नहीं की गई है। डीटीसी को घाटे से उबारने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। अब इससे लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए दिल्ली सरकार को डीटीसी पर श्वेत पत्र लाना चाहिए, जिससे कि सच्चाई सामने आ सके।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि इस समय दिल्ली की सड़कों पर लगभग 11 हजार बसों की आवश्यकता है। इसके विपरीत डीटीसी के बेड़े में मात्र 3,940 बसे हैं। इसमें से भी बमुश्किल 3400 के करीब बसें सड़को पर उतरती है। यदि सरकार आज बस खरीदने का ऑर्डर दे तो पहली बस सड़क पर जनवरी, 2018 में आएगी। उस समय तक वर्तमान बेड़े में से लगभग 500 बसें अपनी आयु पूरी कर चुकी होंगी और उन्हें सड़क से हटाना होगा।

मेट्रो रूट के साथ बस रूट का समन्वय

तिवारी ने कहा कि बार-बार कहने के बाद भी मेट्रो रूट के साथ बस रूट का समन्वय बैठाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। इससे जहां डीटीसी को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं यात्रियों को भी परेशानी हो रही है। डीटीसी के राजस्व का बड़ा भाग ब्याज की अदायगी में जाता है।

विज्ञापन से बढ़ सकती है आमदनी 

भाजपा नेता ने कहा कि सरकार ऋण माफी या ब्याज माफी पर ध्यान नहीं दे रही है। डीटीसी के 43 में से 30 बस टर्मिनल आज शहरी आबादी के बीच हैं। मेट्रो व रेलवे की तरह बस टर्मिनल पर विज्ञापन से आमदनी बढ़ाई जा सकती है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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