उत्तराखंड में गहराया बिजली संकट

देहरादून। सर्दियों में कम बारिश और हिमपात का असर अब विद्युत उत्पादन पर दिखने लगा है। गंगा, यमुना समेत विभिन्न नदियों पर स्थापित उत्तराखंड जल विद्युत निगम के हाइड्रो प्रोजेक्ट निर्धारित उत्पादन आधे से कम रह गया है, जिससे प्रदेश में बिजली संकट गहराने लगा है। बड़ी चिंता यह है कि यह स्थिति मानसून तक बनी रहेगी।
उत्तराखंड में गंगा, यमुना, अलकनंदा, मंदाकिनी समेत विभिन्न नदियों, नहरों में जल विद्युत निगम के 13 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं। इससे पैदा होने वाली पूरी बिजली को उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लेकर उपभोक्ताओं को पहुंचाता है। राज्य में इस वक्त बिजली की डिमांड तीन करोड़ 74 लाख 30 हजार पहुंच गई है।
जबकि जल विद्युत निगम के हाइड्रो प्रोजेक्ट में महज 80 लाख 40 हजार के आसपास बिजली उत्पादन हो पा रहा है। यह महीना हाइड्रो प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन की दृष्टि से अच्छा माना जाता है। वजह यह है कि इस समय बर्फ अधिक पिघलने के साथ-साथ पहाड़ों पर तेज बरसात कम होती है।
इससे जहां नदियों में पानी का स्तर तो बढ़ जाता है, दूसरी ओर सिल्ट न आने से टरबाइनों को घुमाने में कोई जोखिम नहीं रहता है। इस बार इसके उलट हो रहा है। सर्दियों में पहाड़ों पर बर्फ कम पड़ने से तापमान बढ़ने के बावजूद नदियों में कम पानी आ रहा है।

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