गांव और शहर दोनों में तेजी से बढ़ी बेरोजगारी, तीसरी लहर की आशंका से और बढ़ा डर
नई दिल्ली। कोरोना के चलते पिछले कुछ वक्त में भारत में बेरोजगारी बहुत तेजी से बढ़ी है। भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र (सीएमआईई) की रिपोर्ट में इसको लेकर चौंकाने वाले आंकड़े जारी हुए हैं। सोमवार को जारी इसकी रिपोर्ट के मुताबिक 18 जुलाई तक जहां भारत में बेरोजगारी दर 5.98 फीसदी पर थी, वहीं 25 जुलाई तक यह 7.14 फीसदी पहुंच चुकी है। इसमें बताया गया है कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बेरोजगारी में इजाफा हुआ है। हालांकि महीनावार आंकड़ों में बेरोजगारी की यह दर कुछ कम हुई है। जून में यह 10 फीसदी तक थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बाद आर्थिक मोर्चे पर कुछ सुधार हुआ है, जिससे इसमें कमी आई है। विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के चलते बेरोजगारी ज्यादा बढ़ी है। वहीं तीसरी लहर की आशंका आगे के लिए भी चिंताजनक तस्वीर पेश कर रही है।सीएमआई श्रमिक बाजार पर निगाह रखता है। इसके मुताबिक पिछले हफ्ते शहरी बेरोजगारी दर का आंकड़ा 8.01 पहुंच चुका है। पिछले हफ्ते यह 7.94 फीसदी पर था। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 6.75 पर पहुंच चुकी है, जो कि पिछले हफ्ते काफी नीचे 5.1 पर थी। वहीं सोमवार को ही व्यापार के फैलाव से जुड़ा आंकड़ा भी जारी हुआ है। नोमुरा इंडिया बिजनेस रिजंप्शन इंडक्शन (एनआईबीआरआई) की तरफ से जारी आंकड़े गिरकर 95.3 पर पहुंच गए हैं, जो पिछले हफ्ते 96.4 पर थे। इन आंकड़ों में गिरावट व्यापारिक गतिविधियों में कमी को दिखाता है। इन आंकड़ों को तैयार करने वाली संस्था के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर से पहले भी ये आंकड़े ठीक थे। हालांकि महामारी से पहले की तुलना में इनमें 4.7 फीसदी की गिरावट आ चुकी थी।