संतों और सरकार पर जमकर बरसे स्वामी शिवांनद

हरिद्वार । मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने संतों में बढ़ रही वातानुकूलित संस्कृति पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सुविधा भोगी संतों को खुद के लिए ऐश्वर्य साधु अलंकरण जोड़ लेना चाहिए। उन्होंने मातृ सदन की ओर से गंगा की रक्षा के लिए संकल्प दोहराते हुए आश्रम में साध्वी पद्मावती की ओर से किए जा रहे अनशन को लेकर एक श्वेत पत्र भी जारी किया। मातृ सदन की अनुयायी पद्मावती पिछले छह दिनों से गंगा रक्षा के लिए आमरण अनशन पर बैठीं हैं। शुक्रवार को मातृसदन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी शिवानंद सरस्वती ने मध्य प्रदेश सरकार से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में उज्जैन में हुए कुंभ के दौरान सरकार ने कुछ साधु संतों की सुख-सुविधाओं पर जमकर पैसा बहाया।सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार संतों के कैंपों में वातानुकूलित सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 39 लाख रुपये खर्च किए गए जबकि अकेले अखाड़ा परिषद के कार्यालय के निर्माण के लिए 83 लाख रुपये खर्च किए गए। उन्होंने इसे सनातन संस्कृति का अपमान और देश का दुर्भाग्य बताया। श्वेत पत्र जारी करते हुए स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि इस बार मातृसदन को इसलिए अनशन करना पड़ रहा है कि बार-बार सरकार की ओर से किए गए वायदों के बावजूद गंगा रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

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