कैबिनेट फैसला: सरकारी कार्मिकों, पंचायत प्रतिनिधियों पर धन वर्षा

देहरादून :  दीपावली त्योहार से पहले सरकार ने राज्य के तकरीबन दो लाख सरकारी कार्मिकों और त्रिस्तरीय पंचायतों के हजारों जनप्रतिनिधियोंपर धन वर्षा की है। कर्मचारियों को कई तोहफों से नवाजा गया है। त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल ने सातवां वेतनमान ले रहे राजकीय कार्मिकों को तकरीबन एक वर्ष के बकाया एरियर का 50 फीसद का भुगतान करने का निर्णय लिया है। वहीं महंगाई भत्ते में एक फीसद की वृद्धि की गई है। यह भत्ता अब चार फीसद से बढ़कर पांच फीसद हो गया है। वेतन विसंगति समिति की सिफारिशों से नाखुश कार्मिकों के मसलों पर समिति पुनर्विचार करेगी। सातवां वेतनमान के मुताबिक नए भत्तों का इंतजार कर रहे कार्मिकों को पूरी तरह निराश नहीं किया गया है।

उनके भत्ते पर जल्द फैसला लेने को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। तीन सरकारी निगमों-उपक्रमों में परिवहन निगम, कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड और सिडकुल के कार्मिकों को सातवां वेतनमान देने पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के मानदेय में तकरीबन दोगुना वृद्धि की गई है।

राज्य मंत्रिमंडल की गुरुवार को सचिवालय में तकरीबन तीन घंटा चली बैठक में कर्मचारियों के हित में कई अहम फैसले लिए गए। सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कुल 28 बिंदुओं में 25 बिंदुओं पर मंत्रिमंडल ने फैसला लिया।

सातवें वेतनमान से लाभान्वित हो रहे सरकारी कार्मिकों को एक जनवरी, 2016 से 31 दिसंबर, 2016 तक बकाया एरियर का 50 फीसद भुगतान करने को मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दिखा दी। इससे सरकारी खजाने पर करीब 550 करोड़ का भार पड़ेगा। वर्ष 2005 के बाद नई पेंशन योजना के दायरे में आने वाले तकरीबन 50 हजार से ज्यादा कार्मिकों को करीब 200 करोड़ एरियर का नगद भुगतान होगा। शेष कार्मिकों को एरियर का भुगतान उनके जीपीएफ खातों में किया जाएगा।

डीए से 12 करोड़ का वित्तीय भार

सरकारी कार्मिकों के महंगाई भत्ते में एक फीसद की बढोतरी एक जुलाई से लागू होगी। इससे खजाने पर प्रति माह 12 करोड़ का बोझ पड़ेगा। इससे राज्य कर्मचारियों के वेतन में न्यूनतम 180 से लेकर 2250 रुपये की वृद्धि होगी। सातवें वेतनमान के मुताबिक नए भत्ते देने के लिए मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव एस रामास्वामी की अध्यक्षता में समिति गठित की है। समिति में सदस्य के रूप में वित्त व कार्मिक के सचिव शामिल होंगे। कौशिक ने बताया कि समिति भत्तों के संबंध में जल्द अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।

180 दिन का मिलेगा अवकाश

राजकीय महिला कार्मिकों को अब 180 दिन यानी छह माह का बाल दत्तक ग्रहण अवकाश (चाइल्ड एडॉप्शन लीव) भी मिल सकेगा। यह सुविधा एक साल की आयु तक के बच्चे को गोद लेने वाली माता को मिलेगी। मंत्रिमंडल की मुहर लगने के बाद परिवहन निगम के परिवहन निगम के 3586 कार्मिक सातवें वेतनमान से लाभान्वित होंगे। इससे सरकार पर 23 करोड़ का वित्तीय भार पड़ेगा। परिवहन निगम में कुल 6397 पदों में से 2511 पद रिक्त हैं। वहीं सिडकुल के 57 कार्मिकों को और मंडी परिषद के करीब 400 कार्मिकों को सातवां वेतनमान स्वीकृत किया गया है। मंडी परिषद को नए वेतनमान से खजाने पर 3.21 करोड़ का वित्तीय बोझ पड़ेगा।

पंचायत प्रतिनिधियों की बल्ले-बल्ले

इसी तरह त्रिस्तरीय पंचायतों के जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगाई है। ग्राम प्रधान का मानदेय 750 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये, उप प्रधान का मानदेय 350 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये किया गया है। इससे ब्लॉक प्रमुख का मानदेय चार हजार से बढ़ाकर छह हजार रुपये, ब्लॉक उपप्रमुख का मानदेय 625 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया है। क्षेत्र पंचायत सदस्य को प्रति बैठक 300 रुपये के स्थान पर अब 500 रुपये मानदेय मिलेगा।

वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय पांच हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया गया है। जिला पंचायत सदस्यों को प्रति बैठक 400 रुपये के बजाए अब 1000 रुपये मानदेय देने का फैसला मंत्रिमंडल ने किया है। इससे 7958 ग्राम प्रधानों, 95 ब्लॉक प्रमुखों, 13 जिला पंचायत अध्यक्षों समेत हजारों पंचायत प्रतिनिधि लाभान्वित होंगे। वहीं सरकार को हर साल 21.15 करोड़ आर्थिक भार वहन करना होगा।

 

कैबिनेट के प्रमुख फैसले:

-दो लाख सरकारी कर्मचारियों को कई सौगात, एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2016 तक बकाया एरियर के 50 फीसद भुगतान पर मुहर

-महंगाई भत्ते में एक फीसद वृद्धि, अब चार से बढ़कर पांच फीसद

-वेतन विसंगति समिति के फैसले से नाखुश कार्मिकों के मसले पर पुनर्विचार करेगी समिति

-सातवें वेतनमान के मुताबिक भत्ते देने को सीएस की अध्यक्षता में समिति गठित

-परिवहन निगम, सिडकुल और मंडी परिषद के कार्मिकों को सातवां वेतन देने को मंजूरी

-राजकीय महिला सेवकों को छह माह का बाल दत्तक ग्रहण अवकाश

-त्रिस्तरीय पंचायतों के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में करीब दोगुना वृद्धि, प्रधानों को 1500, ब्लॉक प्रमुखों को छह हजार व जिला पंचायत अध्यक्षों को 10 हजार मानदेय

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