मानसून पहाड़ के साथ मैदानों पर भी बरपाने लगा है कहर

देहरादून : मानसून पहाड़ के साथ ही मैदानों पर भी कहर बरपाने लगा है। शुक्रवार तड़के पौड़ी जिले के कोटद्वार में बादल फटने से भारी तबाही हुई। शहर के बीचों-बीच पनियाली गदेरे (बरसाती नदी) में आया उफान जान लेवा साबित हुआ। मलबे में दबने से चार लोगों की मौत हो गई।

क्षेत्र के एक गांव में मकान ध्वस्त होने से एक किशोरी की जान चली गई, वहीं खेत में गए किसान का शव भी गदेरे के किनारे मिला है। मृतकों में दो एक ही परिवार के हैं। शहर के सैकड़ों घरों में पानी और मलबा घुस गया। एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीम राहत कार्यों में जुटी हैं। रेलवे पुल की एप्रोच क्षतिग्रस्त होने से अगले आदेशों तक रेल सेवा बंद कर दी गई है। इसके अलावा कुमाऊं के बागेश्वर में स्कूल से घर लौट रहा पांचवी का छात्र और एक चरवाहा बरसाती नदी की तेज धारा में बह गए। बीते पांच दिन में प्रदेश में मौसम 16 जानें लील चुका है।

कोटद्वार में गुरुवार दोपहर से शुरू हुआ बारिश का दौर पूरी रात जारी रहा। इससे पनियाली, गिवईं, डुम और तेलीवाड़ा गदेरों में उफान आ गया। आधी रात के बाद ढाई बजे एकाएक पनियाली गदेरे का पानी सेना की कैंटीन की दीवार तोड़ता हुआ पास की रिफ्यूजी कालोनी में जा घुसा। इससे वहां हड़कंप मच गया। जान बचाने के लिए लोग घर की छत चढ़ गए। इस बीच ज्योति देवी अरोड़ा (40 वर्ष)  तेज बहाव की चपेट में आ गईं। वहीं, उनका भतीजा लक्ष्य (25 वर्ष) कमरे में ही फंस गया।

कमरे में पानी भरने से उसकी मौत हो गई। जबकि ज्योति का शव सुबह मलबे में मिला। इसके अलावा मानपुर के रहने वाले अजय कुमार (40) भी पनियाली गदेरे के तेज बहाव में बह गए। उनका शव भी सुबह मिला।

वहीं, मानपुर की ही रहने वाली शांति देवी (60) की घर की चहारदीवारी ढहने से मलबे में दबकर मौत हो गई। इसके अलावा कोटद्वार से तीस किलोमीटर दूर लैंसडौन तहसील के रामा गांव में भूस्खलन का मलबा मकान में गिरने से एक किशोरी की मृत्यु हो गई है। इसके अलावा बलभद्रपुर निवासी हरेंद्र ङ्क्षसह ने बताया कि उनके पिता राजेंद्र सिंह सैनी (75) गुरुवार रात खेत में गए हुए थे। रात को घर नहीं लौटे तो परिजन तलाश में निकले। उनका शव गदेरे के किनारे मिला।

जबरदस्त बारिश से शहर में बिजली-पानी की आपूर्ति और संचार सेवा ठप है। प्रशासन की ओर से मृतक आश्रितों को चार लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की गई है। पौड़ी के जिलाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि प्रथम चरण में प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि जल संस्थान व विद्युत विभाग के अधिकारियों को क्षेत्र में विद्युत व पेयजल आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। मलबा आने से कोटद्वार-पौड़ी हाईवे पर भी यातायात ठप रहा।

20 परिवारों ने गांव छोड़ा

पौड़ी जिले के ही यमकेश्वर ब्लाक में बरसाती नदी के विकराल रूप को देखते हुए सिंदूरी गांव के 20 परिवारों ने गांव छोड़ दिया है। इनके मकान नदी से सटे हुए थे।

नदियों का जलस्तर बढ़ा

इसके अलावा हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा के पास बह रही है। हालात को देखते हुए हरिद्वार के तटीय क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है, जबकि ऋषिकेश के तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। कुमाऊं में भी गोरी, काली, शारदा और सरयू उफान पर हैं।

12 घंटे तक टापू में फंसे रहे लोग 

नैनीताल में चोरगलिया के आमखेड़ा गांव की वृद्धा के शव की अंत्येष्टि करने गए 20 लोग शाम सात बजे नंधौर व कैलाश नदी के बीच टापू पर फंस गए। बहाव तेज होने की वजह से रात साढ़े 12 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो पाया, जो सुबह करीब पांच बजे तक चला।

बदरीनाथ में रोके 200 यात्री

बदरीनाथ के निकट लामबगड़ में मलबा आने से शुक्रवार सुबह हाइवे पर आवागमन ठप हो गया है। मौसम के तेवरों को देखते हुए प्रशासन ने 200 यात्रियों को बदरीनाथ में ही रोक लिया है। हालांकि केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग पर यातायात सुचारु है।

कैलास मानसरोवर यात्रा के 14वें दल को रोका

कुमाऊं में भी मौसम का मिजाज तल्ख बना हुआ है। प्रशासन ने लगातार आ रहे मलबे के कारण अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे को नौ अगस्त तक के लिए बंद कर दिया है। इसके अलावा कैलास मानसरोवर के लिए रवाना 14वें दल को गुंजी से पहले लालपानी में रोक लिया गया है। प्रशासन के अनुसार रास्ता क्षतिग्रस्त होने के कारण यह निर्णय लिया गया है। उधर, ऊधमसिंह नगर के काशीपुर में गोशाला पर आकाशीय बिजली गिरने से चार मवेशियों की मौत हो गई। खराब मौसम को देखते हुए मुख्यमंत्री का अल्मोड़ा दौरा भी रद कर दिया गया है।

मौसम का पूर्वानुमान

देहरादून मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 48 घंटों में मौसम के तेवर कुछ नरम रहेंगे। हालांकि इस दौरान हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं। सात अगस्त की रात से मौसम फिर करवट बदलेगा।

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