शहीद मेजर कमलेश पांडेय को सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

हल्द्वानी : ‘कमलेश हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’, ‘कमलेश तेरा ये बलिदान, याद रखेगा हिंदुस्तान’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद’… जैसे गगनभेदी देशभक्ति नारों से शुक्रवार की सुबह हल्द्वानी की फिजा गूंज रही थी। हर किसी के दिल में अपने एक जांबाज योद्धा को खोने का गम था तो देश के लिए कुमाऊं के लाल के बलिदान देने पर गर्व भी। फूलों से लदे सेना के वाहन से जैसे ही शहीद मेजर कमलेश पांडे का शव घर पहुंचा, उनके नाम के जयकारे लगने लगे। पत्नी, मां व बहन की चीख-पुकार से हर आंख नम हो गई। पुष्पवर्षा के साथ अंतिम यात्रा चित्रशिला घाट पहुंची। यहां सैन्य सम्मान के साथ शहीद की अंत्येष्टि कर दी गई।

कश्मीर के शोपियां जिले में गुरुवार तड़के आतंकरोधी अभियान में सेना के मेजर कमलेश पांडे समेत दो सैन्य कर्मी शहीद हो गए थे। मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के ग्राम दिगोली, बाड़ेछीना निवासी मेजर कमलेश का परिवार वर्तमान में हल्द्वानी के हिम्मतपुर मल्ला गांव में शांति पुरम कॉलोनी में रहता है।

गुरुवार सुबह जैसे ही बेटे कमलेश की शहादत की सूचना फोन पर पिता रिटायर्ड हवलदार मोहन चंद्र पांडे को मिली तो परिवार में कोहराम मच गया। शाम तक दिल्ली से कमलेश की पत्नी रचना और दो साल की बेटी भूमिका उर्फ भूमि भी मायके वालों के साथ यहां पहुंच गई थी। गुरुवार देर शाम तक मेजर का पार्थिव शरीर जम्मू से विशेष विमान से बरेली ले आया गया था।

शनिवार सुबह बरेली से वायु सेना के हेलीकॉप्टर से स्थानीय आर्मी एरिया में लाया गया। यहां से फूलों से लदे सेना के वाहन से रवाना हुआ। सुबह ही घर पर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, विधायक बंशीधर भगत, डीएम दीपेंद्र चौधरी, एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर बीएस रौतेला समेत कई सैन्य अफसर व लोगों का हुजूम उमड़ चुका था। आधा घंटा देह को घर में रखने के बाद अंतिम यात्रा चित्रशिला घाट को रवाना हुई।

रानीबाग में आर्मी के बैंड की धुन पर शव को गौला तट तक लाया गया। यहां जनप्रतिनिधियों, सैन्य अफसरों, प्रशासन-पुलिस अफसरों व पूर्व सैनिकों ने शहीद को पुष्पचक्र अर्पित किए। इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ छोटे भाई धीरेश पांडे व ताऊ के बेटे पंकज पांडे ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी।

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