पहाड़ में जनता संग स्कूली बच्चे हलकान

रुद्रप्रयाग, । केदारघाटी में हो रही बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। राजमार्ग के साथ ही लिंक मार्ग बाधित होने से यात्रियों और ग्रामीण जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मूसलाधार बारिश रात के समय हो रही है, जिस कारण घाटी के लोग डरे व सहमे हुए है। उन्हें डर है कि कईं फिर से उन्हें वर्श 2013 की आपदा का सामना न करना पडे़। बारिश के कारण राजमार्ग से लेकर लिंक मार्गों की हालत बदतर बनी हुई है।
मूसलाधार बारिश के कारण मोटरमार्गों की हालत दयनीय बनती जा रही है। जहां राजमार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है, वहीं कईं लिंक मार्ग एक माह से बंद पड़े हैं। जिन्हें खोलने की जहमत भी विभाग नहीं उठा रहा है। शुक्रवार को ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर मंडल मार्ग के कईं जगहों पर मलबा आने से राजमार्ग पर आवाजाही प्रभावित हो गई। विभाग की चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग पर आवाजाही हो पाई। ऐसे में चोपता जाने वाले सैलानियों और स्थानीय ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा लिंक मार्ग कुंड-उखीमठ पर मलबा आने से मार्ग जगह-जगह बंद हो गया। मोटरमार्ग के भारत सेवा आश्रम, चुन्नी कुण्ड को जोड़ने वाले मार्ग पर मलबा आया गया। मार्ग कईं जगहों पर पचास मीटर तक धंस चुका है। ऐसे में वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। विभागीय मशीने मार्ग को खोलने में लगी है। वहीं दूसरी ओर मद्महेश्वर घाटी को जोड़ने वाला मनसूना-गैड़ मोटरमार्ग के धनोला पुल में मलबा आने के कारण सड़क बन्द हो गई है। सड़क पर भारी मात्रा में मलबा आया हुआ है। जिस कारण राउलैंक, रांसी सहित मदमहेश्वर धाम को जाने वाले यात्रियों की दिक्कतें बढ़ गयी हैं। सड़क को खोलने में विभाग को काफी समय लग रहा है। केदारघाटी सृजनशील जनमंच के अध्यक्ष कुलदीप सिंह रावत, शांति चमोला, मनोज बैंजवाल ने कहा कि भारी बरसात के कारण राजमार्ग पर जगह-जगह मलबा और चट्टान खिसक रही है, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि फाटा, बांसबाड़ा, विजयनगर, सिल्ली और गौरीकुंड बड़ी पार्किंग के पास राश्ट्रीय राजमार्ग जानलेवा बना हुआ है, जिससे बार-बार यात्रा प्रभावित होने के साथ ही यात्रियों को डर बना हुआ है। मौसम का असर यात्रा पर पड़ रहा है। इसके साथ ही बारिश के कारण दो दर्जन से अधिक लिंक मार्ग बंद पड़े हुए है। ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न का संकट गहराता जा रहा है। ग्रामीण जनता मीलों का सफर पैदल तय कर रहे हैं। प्रशासन है कि सुनने को तैयार नहीं है। विस्थापन की बाट जोह रहे सेमी गांव के ग्रामीण मौत के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जल्द ही राजमार्ग की स्थिति सुधारते हुए लिंक मार्गों को खोला जाय, जिससे समस्याएं कुछ हद तक कम हो सके।

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