नौकरी की मानसिकता छोड़ स्वरोजगार अपनाएं युवा: सीएम

देहरादून । डीआईटी यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छात्रों को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पढ़ाई का मकसद नौकरी करना ही नहीं होना चाहिए। नौकरी की मानसिकता से बाहर निकलने की जरुरत है। कहा कि ऐसा काम करें कि दूसरों को काम दे सकें। समारोह में विभिन्न कोर्सेज के कुल 1528 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दीक्षांत समारोह जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव है। वर्तमान समय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की डिमांड है। विदेशी भाषाओं में दक्ष युवाओं की जरुरत है। कहा कि दुनिया बूढ़ी हो रही है और भारत जवान है। सबको नौकरी तो मुश्किल है। लेकिन स्वरोजगार को अपनाया जा सकता है। कहा कि राज्य में कई युवा नौकरियों को छोड़कर स्वरोजगार में अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने 2021 तक राज्य की संपूर्ण जनसंख्या को साक्षर बनाने की बात कही। कहा कि यह तभी मुमकिन हो सकता है, जब एक पढ़े और एक को पढ़ाए। उन्होंने युवाओं अपने सामाजिक, नागरिक, कर्तव्य समझकर दायित्व निभाने का आह्वान किया। कहा कि युवाओं को भविष्य का नहीं आज का नागरिक बनने की जरुरत है। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि पहले पांच-पांच साल तक कॉलेज और विवि के दीक्षांत समारोह नहीं होते थे। सरकार ने अब हर साल दीक्षांत समारोह करना अनिवार्य किया है। कहा कि सरकार गर्वरमेंट कॉलेज अम्ब्रेला एक्ट में कॉलेज और विवि को अधिक स्वायत्तता देने जा रही है। इससे पूर्व कुलपति डॉ.केके रैना ने विवि की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान पीएचडी के 13, स्नातक के 1342, पीजी के 147 और डिप्लोमा के 26 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इस मौके पर कुलाधिपति एन रविशंकर, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्धन, विवि के चेयरमैन अनुज अग्रवाल, आईएमएस के अमित अग्रवाल, उपकुलपति डॉ.एम श्रीनिवासन, कुलसचिव डॉ.देवादेश शर्मा, एससी चमोली आदि मौजूद रहे।

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