अध्यापिका का जुल्म, भरी क्लास में उतरवाए छात्राओं के कपड़े

लंढौर : कस्बा लंढौरा के जेपी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में अंग्रेजी की परीक्षा में कम नंबर आने पर शिक्षिका ने कक्षा छह की दो छात्राओं के कक्षा में कपड़े उतरवा दिये। छात्राओं ने प्रधानाचार्य से शिकायत की तो उन्होंने भी उनसे यह बात घर पर ना बताने की बात कही। घर पहुंची छात्राओं ने परिजनों को पूरे मामले से अवगत कराया। जिस पर परिजनों ने स्कूल में जमकर हंगामा काटा। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची और अभिभावकों को किसी तरह से शांत कराया। परिजनों ने घटना की तहरीर पुलिस को दी है। वहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने भी मामले में रिपोर्ट तलब की है।

घटनाक्रम के मुताबिक मोहल्ला किला और हरिजन बस्ती निवासी दो बच्चियां  जेपी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में कक्षा छह की छात्रा हैं। मंगलवार को स्कूल में कक्षा छह का अंग्रेजी विषय का पेपर था। जिसमें इन दोनों के कम नंबर आये। आरोप है कि इसके बाद कक्षा अध्यापिका ने छात्राओं को सबसे पीछे खड़ा कर दिया और कपड़े उतारने को कहा। इस पर छात्राओं ने कपड़े उतारने से मना कर दिया। आरोप है कि इसके बाद शिक्षिका खुद पीछे पहुंची और उनके जबरन कपड़े उतार दिये। इस दौरान एक छात्रा की कमीज के बटन भी टूट गये। काफी देर तक दोनों छात्राएं इसी स्थिति में खड़ी रही।

इसके बाद उन्होंने इस मामले की शिकायत विद्यालय की प्रधानाचार्य से की लेकिन आरोप है कि प्रधानाचार्य ने छात्राओं को धमकी दी कि वह इस बारे में घर पर कोई बात ना करें। छात्राओं ने घर पहुंचकर परिजनों को इस बात की जानकारी दी तो परिजन आग बबूला हो गये। परिजन कुछ अन्य लोगों के साथ स्कूल में पहुंचे और जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर मंगलौर कोतवाली के एसएसआइ अजय जाटव भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रहे परिजनों को किसी तरह से शांत किया। बाद में परिजनों ने मामले की पुलिस को दी है।

स्कूल के प्रधानाचार्य अमिता राठौर ने कहा कि  अगर शिक्षिका ने ऐसा किया है तो गलत है। शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। छात्राओं ने मुझसे शिकायत नहीं की है। स्कूल में इस तरह का दंड देने का अधिकार किसी को नहीं है। मेरे ऊपर जो आरोप लगाया है वह गलत है।

वहीं डीईओ प्रारंभिक शिक्षा ब्रह्मपाल सैनी ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है। इस मामले में उप शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद स्कूल पर कार्रवाई होगी। अभिभावकों ने बच्चों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाकर सही किया है।

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