चिकित्सा शिक्षा में होने वाले आवश्यक परिवर्तन को लेकर मंथन

देहरादून। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयोजित नेटकान ६६ कांफ्रेंस के दूसरे दिन मंगलवार को २०८ रिसर्च पेपर व रिसर्च पोस्टर प्रस्तुत किए गए। जिनमें एंब्रालाजी,जेनटिक्स, मेडिकल एजुकेशन, क्लिनिकल एनाटॉमी व क्लिनिकल रेडियोलॉजी के अलावा हिस्ट्रोलाजी, क्रिमिनो हिस्ट्रो कैमेस्ट्री, साइटोलाजी,इमनोलाजी आदि विषयों के शोधपत्र शामिल किए गए। एनाटॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में एम्स ऋषिकेश में आयोजित नेटकान ६६ में यह शोध पत्र पांच अलग अलग साइंटिफिक प्रजेन्टेशन में एनाटॉमी विभाग के तहत किए गए। बताया गया कि शोधपत्रों के प्रस्तुतिकरण व इन पर चर्चा का मुख्य उद्देश्य मेडिकल साइंस के क्षेत्र में आ रही नई विधाओं व खोजों से एक दूसरे को रुबरु कराना है, जिससे मेडिकल एजुकेशन में नवीनतम गतिविधियों का विस्तार हो सके। सम्मेलन में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने साइंटिफिक प्रजेंटेशन का अवलोकन किया व नए शोध कार्यों के लिए संस्थान के एनाटॉमी विभाग की प्रशंसा की। संस्थान के एनाटामी विभागाध्यक्ष व आयोजन समिति के सचिव प्रोफेसर ब्रिजेंद्र सिंह ने बताया कि एनाटॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के ६६ वें वार्षिक अधिवेशन में साउथ अफ्रीका समेत विभिन्न देशों के वैज्ञानिक प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रतिभागियों ने एनाटॉमी विभाग व एम्स ऋषिकेश में उपलब्ध कराए गए संसाधनों को देखा व अपने संस्थानों में भी उक्त सुविधाओं को बढ़ावा देने की बात कही। इस अवसर पर संस्थान की डीन प्रोफेसर सुरेखा किशोर,सब डीन एवं आयोजन समिति के सह सचिव डॉ.के एस रवि आदि मौजूद थे।सोसाइटी की बैठक में हुई चर्चा नेटकान ६६ के तहत मंगलवार को देरशाम एनाटॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की जनरल बाडी की बैठक हुई, जिसमें एमबीबीएस के नए पाठ्यक्रम व आने वाले समय में मेडिकल चिकित्सा शिक्षा में होने वाले आवश्यक परिवर्तन को लेकर चर्चा की गई। जिससे बेहतरीन शिक्षा प्राप्त डाक्टर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दे सकें।

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