अलकनंदा नदी में हो रहे कटाव से खतरे में बद्रीशपुरी

बदरीनाथ, चमोली : अलकनंदा नदी से हो रहे कटाव के कारण बद्रीशपुरी को खतरा पैदा हो गया है। चार प्रमुख मोहल्ले इसकी जद में हैं। कटाव रोकने के लिए बनाए गए तीस साल पुराने चेकडैम अब जर्जर हो चुके हैं। सिंचाई विभाग ने मरम्मत का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन शासन में इंतजार बढ़ता जा रहा है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मयंक मित्तल के अनुसार अब एक बार फिर शासन को रिवाइज इस्टीमेट भेजा जाएगा।

वर्ष 1986-87 में अलकनंदा में बढ़ रहे कटाव को देखते हुए सिंचाई विभाग ने चेकडैम का निर्माण कराया। लंबे समय तक सब ठीक रहा, लेकिन वर्ष 2013 में आई आपदा के दौरान अलकनंदा नदी रौद्र रूप धारण कर लिया। फलस्वरूप हालात गंभीर होते चले गए।

अब हर साल नदी से कटाव बढ़ता जा रहा है। स्थानीय निवासी और नगर पंचायत सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष बलदेव मेहता कहते हैं पुराना मुख्य बाजार, खाक चौक, बामणी गांव और पंडित मुहल्ला भूस्खलन की जद में आ चुका है। वह कहते हैं कई बार प्रशासन व शासन से भी सुरक्षा की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकाला।

पंडित मुहल्ला निवासी मुकेश अलखनिया सवाल करते हैं कि तीन दशक में एक बार भी चेकडैम की मरम्मत नहीं कराई गई। वह कहते हैं करोड़ों हिंदुआों की आस्था के केंद्र में हर साल सैकड़ों की संख्या में विशिष्ट और अतिविशिष्ट लोग यहां आते हैं, फिर भी यह उपेक्षित है।

सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मयंक मित्तल बताते हैं कि पिछले साल  अलकनंदा नदी और बामणी नाले पर सुरक्षा दीवार निर्माण के लिए 2.70 करोड़ रुपए की योजना शासन को भेजी थी, लेकिन धनराशि का आवंटन नहीं हो पाया। उम्मीद है कि इस बार समस्या का समाधान हो जाएगा।

 

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