भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा का कांग्रेस पर बड़ा हमला

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और नक्सलियों का समर्थन करने को लेकर कांग्रेस पर जम कर प्रहार किया। डॉ पात्रा ने कहा कि नक्सलियों और माओवादियों को लेकर दोहरा चरित्र अपनाने को लेकर जमकर हमला बोलते हुए  कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी स्वार्थसिद्धि और राजनीतिक लडाई में हित साधने के लिए देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से किसी हद तक खिलवाड़ कर सकती है। यही कारण है कि नक्सली और माओवादियों से मिलकर देश को अस्थिर करनेवालों के साथ कांग्रेस पार्टी हमेशा खड़ी नजर आती है।

भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि मोदी सरकार के अच्छे काम और देश के विकास को रोकने के लिए कांग्रेस पार्टी नक्सलियों और माओवादियों से जा मिली है। भीमा कोरेगांव मामले में नक्सलवाद के समर्थन के आरोप में पांच लोगों के नजरबन्द होने से कांग्रेस की बचैनी बढ़ गयी है। इन लोगों के समर्थन में खुलकर आनेवाली कांग्रेस पार्टी को देश से मतलब नहीं रह गया है। उसे तो हर हाल में सत्ता चाहिए। कांग्रेस सिर्फ नक्सलियों का बचाव कर रही है। कारण उसके साथ पार्टी के गहरे सम्बन्ध रहे हैं। देश की जनता समझ चुकी है कि कांग्रेस पार्टी अपनी राजनीतिक लडाई के लिए किसी हद तक जा सकती है और नक्सलियों और माओवादियों से सांठगांठ कर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है।

डॉ पात्रा ने कांग्रेस का नक्सली और माओवादियों के साथ सम्बन्ध का खुलासा करते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 25 सितम्बर 2017 को कामरेड प्रकाश द्वारा सुरेन्द्र मिलिंद को लिखे पत्र में देश में अस्थिरता लाने तथा प्रायोजित हिंसा फैलाने के लिए धन मुहैया कराने में जिस मददगार का फोन नंबर दिया गया है, वह नंबर कांग्रेस पार्टी के नेता दिग्विजिय सिंह का है। राहुल गांधी के गुरु दिग्विजय सिंह का नक्सली और माओवादियों से गहरे सम्बन्ध रहे हैं।

डॉ पात्रा ने आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह ने ऐसा पहली बार नहीं किया है, बल्कि वो कई बार पहले भी ऐसा व्यवहार कर चुके हैं। चाहे वो जाकिर नाईक को गले लगाने का मामला हो या उसको शांतिदूत बताने की बात हो या फिर बाटला एनकाउंटर में आतंकियों के साथ देने की बात हो। दिग्विजय सिंह हमेशा नक्सलवाद का साथ देते रहे हैं।  इस समय उनके पांच भाई नजरबन्द हैं तो  वे भी कह रहे हैं कि उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए।

डॉ पात्रा ने कहा कि नक्सली और माओवाद को लेकर हमेशा से कांग्रेस का दोहरा चरित्र रहा है, उसकी नीति रही है कि कुछ उधर रहो, कुछ इधर रहो, बांकी मेरे पीछे हो जाओ। अर्थात कुछ कांग्रेसी नक्सली और माओवादियों के विरोध में होते हैं, कुछ समर्थन में रहते हैं तो बांकी बचे उसके पीछे पीछे चल देते हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस का नक्सलियों और माओवादियों पर कांग्रेस के दोहरे चरित्र का खुलासा करते हुए बताया कि कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कहते थे कि देश को यदि किसी से खतरा है, तो वह है नक्सली। उनकी सरकार लोकसभा में भी इसे लेकर शपथपत्र भी दे चुकी है। दूसरी ओर कांग्रेस द्वारा राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) था, जो सोनिया गांधी के दिमाग की उपज था और उनके सबसे करीब था। उस बॉडी का आधार ही नक्सलवाद का समर्थन करना था। 2011 में नक्सली गतिविधि में गिरफ्तार ए पद्मा के पति को सोनिया गाँधी ने उस परिषद् में शामिल कर उपकृत किया।

सरकार में रहते हुए कांग्रेस पार्टी नक्सलियों और मओवादियों को साथ दे रही थी, नक्सली और माओवादियों को सरकार के शीर्ष तक पहुँचाया, ताकि सत्ता से बाहर रहने पर सत्ता तक पहुँचाने में मदद करे।

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