केजरीवाल के दरबार में AAP नेता की ‘नो एंट्री’, बताया जा रहा विश्वास का करीबी

नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का कुनबा बिखर रहा है। पार्टी के गठन से लेकर अब तक लगभग 50 लोग पार्टी से दूरी बना चुके हैं। ताजा मामला केजरीवाल के खासमखास रहे पार्टी के संस्थापक सदस्य अशोक यादव का है। लंबे समय तक मुख्यमंत्री निवास पर तैनात रहे यादव ने पार्टी की एक विधायक के पति को एक बैठक में प्रवेश करने से रोक दिया था।

उसके बाद से उनकी केजरीवाल के दरबार में एंट्री बंद कर दी गई है। इससे नाराज होकर यादव अपने घर बैठ गए हैं। अशोक यादव को अभी भी उम्मीद है कि केजरीवाल बातों को समझेंगे। उनका कहना है कि केजरीवाल तक सभी बातें नहीं जा पा रही हैं। पार्टी पर कुछ लोगों का कब्जा है। वे लोग केजरीवाल को जो बताते हैं उसी की जानकारी उन्हें मिल पा रही है।

आम आदमी पार्टी (आप) की इसी माह राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने निवास पर पार्टी के विधायकों और निगम पार्षदों की अलग-अलग बैठक बुलाई थी।

केजरीवाल के खास लोगों की तरफ से कहा गया था कि बैठक में केवल विधायक व निगम पार्षद ही शामिल होंगे। जो लोग उनके साथ आएंगे उन्हें बैठक में नहीं जाने दिया जाएगा। पार्टी के संस्थापक सदस्य अशोक यादव की ड्यूटी यह सुनिश्चित करने की थी कि कोई भी ऐसा व्यक्ति बैठक कक्ष में न जा सके जो विधायक नहीं हो।

पार्टी की एक विधायक अपने पति को साथ लेकर पहुंची हुई थीं। उनके पति को यादव ने बैठक में नहीं जाने दिया। इस पर विधायक वहां से वापस लौट गईं। बताया जाता है कि उन्होंने आप के दिल्ली संयोजक गोपाल राय के माध्यम से यादव के खिलाफ केजरीवाल से शिकायत करवाई तथा स्वयं भी केजरीवाल से शिकायत की। उसके बाद से यादव की केजरीवाल के यहां एंट्री बंद है।

यादव आंदोलन के समय से केजरीवाल के साथ जुड़े रहे हैं और उन लोगों में शामिल रहे हैं जो सीधे तौर पर केजरीवाल से बात करते रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अशोक यादव और गोपाल राय के बीच आंदोलन के समय से ही मनमुटाव है।

यह बात उस समय की है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के यहां केजरीवाल के साथी आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन किया था। उस प्रदर्शन में यादव ने केजरीवाल के नाम की टोपी लगा ली थी। जिसे गोपाल राय ने जबरन यादव के सिर से उतार लिया था और कहा था कि केजरीवाल के नाम की टोपी नहीं चलेगी।

जिसे लेकर दोनों में थाने में ही विवाद हो गया था। बाद में केजरीवाल ने बीच में आकर इसे निपटा दिया था। अशोक यादव पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के भी सदस्य हैं। कुछ दिन पहले आप की हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यादव कुमार विश्वास के समर्थन में भी बोले थे।

उन्होंने बैठक में खड़े होकर पूछा था कि कुमार विश्वास को वक्ताओं के नाम से क्यों हटाया गया है। उनके समर्थन में 50 के करीब और सदस्य खड़े हुए थे। मगर इस मामले को शांत कराने का प्रयास किया था। यादव अब पार्टी के कुछ लोगों के निशाने पर हैं। उधर पार्टी में कुमार विश्वास का दबदबा बढ़ रहा है।

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