देहरादून में एक और मरीज में स्वाइन फ्लू के लक्षण

देहरादून: दून में स्वाइल फ्लू के मामले थम नहीं रहे। अब एक और मरीज में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले हैं। मरीज हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भर्ती है। स्वाइन फ्लू की जांच के लिए उसका सैंपल नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनएसडीसी) दिल्ली भेज दिया गया है।

जनपद में स्वाइन फ्लू ने  पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। मार्च से अब तक स्वाइन फ्लू से चार लोगों की मौत हो चुकी है और इनमें से तीन की मौत एक सप्ताह के भीतर हुई है। अब तक 17 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। शनिवार को एक और मरीज में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए। सीएमओ डॉ. टीसी पंत ने बताया कि हिमालयन अस्पताल में भर्ती बिजनौर निवासी एक युवक में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही असलियत सामने आएगी।

ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण

बुखार, सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी, थकान होना, सिरदर्द, गले में दर्द, बदन दर्द और आंखों से पानी आना। इसके अलावा स्वाइन फ्लू में सांस भी फूलने लगती है। अगर संक्रमण गंभीर है तो बुखार तेज होता जाता है। इसके अलावा बलगम के साथ खून आने लगता है और बेहोशी के दौरे पडऩे लगते हैं।

स्वाइन फ्लू के कारण

इंफ्लूएंजा-ए वायरस के एक प्रकार एच1एन1 से स्वाइन फ्लू उत्पन्न होता है। यह वायरस साधारण फ्लू के वायरस की तरह ही फैलता है। स्वाइन फ्लू का वायरस बेहद संक्रामक है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक बहुत तेजी से फैलता है। जब कोई खांसता या छींकता है तो छोटी बूंदों में से निकले वायरस कठोर सतह पर आ जाते हैं। यह वायरस 24 घंटे तक जीवित रह सकता है।

ये सावधानियां बरतें 

-इस बीमारी से बचने के लिए स्वच्छता का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। खांसते और छीकते समय टीशू से कवर रखें। इसके बाद टीशू को नष्ट कर दें।

-बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

-जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हों उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए।

-स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से संपर्क व हाथ मिलाने से बचें। नियमित अंतराल पर हाथ धोते रहें।

-जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और तीन-चार दिन से तेज बुखार हो, उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

-स्वाइन फ्लू के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है। जिससे एच1एन1 वायरस की पहचान की जाती है। ऐसी कोई भी जांच डॉक्टर की सलाह के बाद कराएं।

(गंभीर बीमारियों से ग्रसित, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले, सर्दी-जुकाम से पीडि़त, बच्चे और बुजुर्गों को विशेष तौर से सावधानी बरतने की जरूरत होती है।)

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