…जब वेंकैया नायडू ने कहा था कि उपराष्ट्रपति नहीं बनना चाहता, मैं ‘उषा-पति’ बनकर ही खुश हूं

नई दिल्ली: देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू को प्रत्याशी बनाया है. सोमवार को पार्टी की शीर्ष संस्था संसदीय बोर्ड की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई गई. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस करके उनके नाम का ऐलान किया.

वेंकैया नायडू अभी शहरी विकास और सूचना प्रसारण मंत्री हैं. बीजेपी के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे हैं. दक्षिण भारत से हैं यही बात उनके पक्ष में सबसे ज्यादा गई. पार्टी के भीतरी सूत्रों का कहना है कि वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का दावेदार बनाए जाने से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी की पैठ बढ़ेगी. पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं. अन्य पार्टी के नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं. सदन चलाने की क्षमता है. मोदी सरकार के संकटमोचक की छवि है. संसदीय कार्यमंत्री रहने के नाते संसदीय नियमों की जानकारी है.

तब अपनी दावेदारी पर यह बोले थे नायडू
दरअसल, काफी समय से पहले ही कुछ समाचारपत्रों और टीवी चैनलों में वेंकैया नायडू को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित दावेदार बताया जाता रहा था. 30 मई को पत्रकारों ने जब इस संदर्भ में उनसे सवाल किया था तो उन्होंने चिर-परिचित शैली में जवाब देते हुए कहा था, “न मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, न उपराष्ट्रपति… मैं सिर्फ ‘उषा-पति’ बनकर खुश हूं…”

उस समय से ये खबरें आ रही थीं कि नायडू को उपराष्ट्रपति बनाए जाने का विचार इसलिए जायज़ है, क्योंकि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में पैठ बनाने की कोशिश कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए यह फायदेमंद कदम साबित हो सकता है.

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