एमसीडी चुनाव 2017: योगेंद्र यादव के ‘स्वराज इंडिया’ को कॉमन चुनाव चिन्ह देने की याचिका खारिज

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने योगेंद्र यादव के स्वराज इंडिया को कॉमन चुनाव चिन्ह देने की याचिका को खारिज कर दिया है। दिल्ली में होने वाले नगर निगम चुनाव को लेकर कॉमन चुनाव चिन्ह की मांग स्वराज इंडिया की ओर से कई गई थी। हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने अपने अंतरिम फैसले में कहा है कि योगेंद्र यादव की पार्टी को कॉमन चुनाव चिन्ह देने को लेकर कम समय रह गया है। एकल पीठ की ओर पहले ही स्वराज इंडिया की याचिका को खारिज कर दिया गया था जिसके बाद डिविजन बेंच के पास इसे चुनौती दी गई थी।

दिल्ली एमसीडी चुनाव में की गई थी कॉमन चुनाव चिन्ह की मांग

न्यायाधीश संजीव खन्ना और चंद्रशेखर की बेंच ने कहा कि समय की कमी के चलते अंतरिम आदेश पारित किया गया, हालांकि जरुरत होगी तो मामला में आगे भी विचार किया जा सकता है। वरिष्ठ वकील शांति भूषण और प्रशांत भूषण स्वराज इंडिया की ओर से कोर्ट में उपस्थित हुए। कोर्ट के सामने मामला ले जाने से पहले दिल्ली चुनाव समिति से और एकल पीठ के समक्ष पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टी के तौर पर कॉमन चुनाव चिन्ह की मांग की गई थी। जिससे की स्वराज इंडिया दिल्ली नगर निगम चुनाव में उतर सके।

दिल्ली चुनाव समिति के वकील सुमीत पुश्कर्ना ने इस अपील का विरोध किया। उनकी ओर से कहा गया कि इस आधार पर 42 से ज्यादा अनुरोध पहले से ही कई पार्टियों ने कर रखा है। कोर्ट को जानकारी दी गई कि सभी उम्मीदवारों की तस्वीर भी वोटिंग मशीन में नजर आएगी। इससे वोटरों और गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों को इसका फायदा मिलेगा। स्वराज इंडिया की शुरुआत अक्टूबर 2016 में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की ओर से की गई। इन्हें अरविंद केजरीवाल ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते आम आदमी पार्टी से निष्काषित कर दिया था। 14 मार्च 2017 को स्वराज इंडिया ने दिल्ली के एमसीडी चुनाव में उतरने का ऐलान किया। हालांकि अप्रैल 2016 में एक आदेश के मुताबिक गैर-मान्यता पार्टियों के उम्मीदवारों को निर्दलीय उम्मीदवार समझा जाएगा और उन्हें निर्दलीय के तौर पर चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाएगा।

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Source: hindi.oneindia.com

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