भगवान राम और शिव पर टिप्पणी अमर्यादित, समाज को लड़ाने की राजनीति कर रहे खड़गेः भट्ट

देहरादून, । भाजपा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे के विवादास्पद बयान पर हमला करते हुए कहा कि देश समाज को लड़ाने की राजनीति करने वाली कांग्रेस के अध्यक्ष अब भगवान को भी आपस में लड़ाना चाहते हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कटाक्ष किया कि इनके सुपुत्र और इंडी गठबंधन भी सनातन धर्म को समाप्त करने की मंशा रखते हैं, लिहाजा उनका यह बयान उनके सनातन विरोधी अन्याय पत्र पर मुहर लगाता  है।भट्ट ने  कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के भगवान राम और शिव को लेकर दिए बयान को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। साथ ही आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा से समाज को आपस में लड़कर, बांट करो और राज करो की नीति पर चलती आई है । पहले नेहरू ने पीएम बनने के लिए देश को दो टुकड़ों में बांटने पर सहमति दी । उसके बाद जब सरदार पटेल भारत को एक करने के मिशन में जुटे थे तो उन्होंने धारा 370 की दीवार खड़ी कर कश्मीर को अलग किए रखा। उनके बाद की पीढ़ियों ने देश को जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति में बांटने का काम किया। इतना ही नही कांग्रेस की वर्तमान पीढ़ी उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत में देश का विभाजन करना चाहती है । इसी तरह, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र के अनुशार जाति आधारित सर्वे कराने और बहुसंख्यकवाद का विरोध कर पहले ही बता दिया था कि वह सनातन धर्म को टुकड़ों में बांटना चाहती है। स्वयं खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे ने सार्वजनिक तौर पर सनातन धर्म को बीमारी बताते हुए समाप्त करने की बात कही थी । ठीक ऐसे ही सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया, कोरोना आदि से तुलना करते हुए, समूल नष्ट करने की सोच रखने वाले इंडी गठबंधन के बयानों से मीडिया भरा पड़ा है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे का प्रभु श्री राम और शिव को आपस में लड़ने का बयान उनकी पार्टी की सोच को और अधिक स्पष्ट रूप में उजागर करता है। भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने और सनातन संस्कृति का अपमान करने वाली पार्टी का असली चेहरा एक बार फिर सबके सामने है। श्री भट्ट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की देशवासियों एवं भगवान को लड़ाने वाली इस नीति के पीछे उद्देश्य स्पष्ट है, सनातन संस्कृति और राष्ट्रीयता की भावना को कमजोर करना। जिसका जवाब देश की 140 करोड़ जनता, लगातार लोकसभा चुनाव के विभिन्न चरणों में मोदी जी के पक्ष में रिकॉर्ड मतदान के साथ दे रही है।

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