वाराणसी: छात्र नेताओं की महिला टीचर्स से गुंडागर्दी में हुई कैद, देखिए
वाराणसी। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री महिला सशक्तिकरण की बात कर महिलाओं को सम्मान देने की अपील करते हैं तो दूसरी तरफ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ महिलाओं पर हो रहे अपराध को अभियान चलाया है लेकिन पीएम के संसदीय क्षेत्र में ही अब महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। ताजा मामला है वाराणसी के उदयप्रताप पब्लिक स्कूल का जहां महिला शिक्षिकाओं के ऊपर उदय प्रताप डिग्री कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष और महामंत्री ने घुसकर हाथापाई की है। वहीं टीचर्रों ने सीसीटीवी फुटेज के साथ मुकदमा लिखवा दिया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
उदयप्रताप पब्लिक स्कूल है जिसे सीबीएसई बोर्ड से कक्षा 12वीं तक की मान्यता प्राप्त है लेकिन यहां की प्राचार्या और शिक्षिकाएं ये आरोप लगा रही हैं की उदयप्रताप डिग्री कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष प्रशांत पांडेय और महामंत्री दुष्यंत प्रताप सिंह उनके विद्यालय में घुसकर मनमानी की है। प्राचार्या संगीता और शिक्षिका ज्ञान प्रभा सिंह ने बताया की छात्र संघ अध्यक्ष उनपर दबाव डाल रहे हैं की बच्चों को किताबें उसी जगह से खरीदने के लिए कहा जाए जहां से छात्र संघ चाहता है।
पुलिस में लिखवाया गया मुकदमा
इस संबंध में प्राचार्या और शिक्षिकाओं ने 25 मार्च को छात्र संघ अध्यक्ष और महामंत्री के ऊपर वाराणसी एसएसपी से मिलकर शिवपुर थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया है। जिसके बाद छात्र संघ अध्यक्ष उग्र होकर शिक्षिकाओं ओर प्राचार्या को धमकाने लगा। वहीं विद्यालय नए सत्र के प्रवेश परीक्षा के दिन परीक्षा हॉल में छात्र संघ अध्यक्ष ने घुसकर हंगामा किया और परीक्षा केंद्र में जबरन घुसने की भी कोशिश की। परीक्षा रोकने की इस कोशश का सीसीटीवी फुटेज देखा जा सकता है। उसके बाद छात्र संघ के लड़कों ने प्राचार्या कक्ष में घुसकर हंगामा किया। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर उग्र छात्रों को विद्यालय से भगा दिया।
अभी तक नहीं हुई पुलिस कार्रवाई
सारे साबूत देने के बावजूद भी पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। वहीं पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी का कहना है की शिवपुर थाने में छात्र संघ अध्यक्ष और महामंत्री के खिलाफ मुकदमा कायम हो गया है और साक्ष्य के आधार पर इस पर कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे कैसे पढ़ेगा इंडिया?
हालांकि उदयप्रताप डिग्री कॉलेज के छात्र संघ का किसी भी प्रकार से उदयप्रताप पब्लिक स्कूल से दूर-दूर तक कुछ लेना देना नहीं है लेकिन राजनीति की हनक ही कुछ ऐसी है जो छात्रसंघ की आड़ में छात्रों को किसी भी मामले में घुसकर मनमाना काम करने को मजबूर कर देती है। ऐसे में स्थिति अगर संभाली नहीं जाएगी तो शिक्षा देने वाली ये महिलाएं कैसे स्वतंत्र होकर शिक्षा देंगी।