बिहार: 4 साल की बच्ची से झगड़ने पर 6 साल के बच्चे पर रेप का केस
बेगूसराय। यूं तो अपने कामों को लेकर हमेशा से ही बिहार पुलिस सुर्खियों में रहती है। कभी पुलिस की लापरवाही सामने आती है तो कभी नाकामयाबी। लेकिन आज आपको बताने जा रहे हैं बिहार पुलिस की एक अजब-गजब कहानी। जिसे सुनकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिरकार कोई 6 साल का बच्चा ऐसा कैसे कर सकता है? एक बार फिर बिहार पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है जिसमें पुलिस ने 6 साल के बच्चे के खिलाफ 4 साल की बच्ची के साथ बलात्कार की कोशिश का मामला दर्ज किया है। अब आप सोच रहे होंगे कि 6 साल का बच्चा जिसे रेप के बारे में कुछ भी नहीं मालूम होता है, वह भला कैसे ऐसा कर सकता है। Read Also: बिहार के विधायक ने स्कूली छात्रा से पूछा ,बलात्कार के बाद ब्लड कहां से निकलता है?
जानिए क्या था मामला
आपको बताते चलें कि यह मामला बिहार के बेगूसराय जिले का है जहां जिले के लाखो थाना क्षेत्र बहारदपुर गांव में छह साल के बच्चे पर चार साल की बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश का आरोप लगाकर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। मामला दर्ज होने के बाद बच्चा और उसके परिवार वाले अपने आप को बेगुनाह साबित करने के लि पिछले दो वर्षों से कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं। वे कोर्ट के साथ-साथ पुलिस के आला अधिकारियों के पास जाकर गिड़गिड़ाते हुए इंसाफ की भीख मांग रहे हैं। पर कहीं से उन्हें न्याय की रौशनी देखने को नहीं मिल रही है। समाज के लोग अब उस बच्चे को गलत निगाहों से देखते हुए ‘छेहत्तरा’ कहने लगे है।
आखिर क्या कसूर था उस बच्चे का, जो पुलिस ने उसे बना दिया ‘छेहत्तरा’
आइए अब आपको हम उस 6 वर्षीय श्याम के कसूर के बारे में बताते हैं जिसकी वजह से मासूम को स्कूल जाने की उम्र में कोर्ट और थाने के चक्कर लगाने पड़े। श्याम का कसूर सिर्फ इतना था कि एक बिस्कुट खाने के चक्कर में बगल के ही 4 वर्षीय बच्ची से उलझ गया और मारपीट की। इस मारपीट को जहां उसके परिवार वाले बच्चों के बीच का झगड़ा समझ रहे थे। वहीं लड़की के परिवार वाले आपसी दुश्मनी। इस मारपीट को लेकर लड़की के परिवार वालो ने अपने चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किए जाने का मामला दर्ज करा दिया।
पुलिस ने भी बिना जांच किए ही दर्ज कर लिया मामला।
महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में न्याय दिलाने के लिए जितने भी कड़े कानून बनाए गये है। उस कानून का बिहार की पुलिस ने किस तरह दुरुपयोग करते हुए मजाक उड़ाया है इसका ताजातरीन उदाहरण बेगूसराय की यह घटना बता रही है। क्योंकि जब भी कोई पीड़ित पक्ष थाने में जाकर कोई भी लिखित शिकायत करता है तो पुलिस पहले उसकी जांच करती है फिर कार्यवाही करते हुए उसके मामला दर्ज करती है। पर यहां पुलिस के द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया गया और नाबालिक श्याम पर लड़की से छेड़छाड़ का मामला दर्ज कर दिया गया। तब से लेकर आज तक श्याम और उसके परिवार वाले कोर्ट से लेकर थाने तथा पुलिस के आला अधिकारियों के पास अपने बच्चे को निर्दोष साबित करने के लिए चक्कर लगा रहे हैं।
वहीं श्याम के पिता का कहना है कि बच्चे की लड़ाई को पड़ोसियों ने तूल दे दिया है और पुलिस ने भी बगैर जांच किये मामला दर्ज कर लिया है। जब इस मामले में हमने जिला के एसपी से गुहार लगाई तो उन्होंने खुद इस पूरे मामले की गंभीरता से तफ्तीश कर बच्चे को आरोप मुक्त कराने का आश्वासन दिया था। पर आज तक ऐसा कुछ हुआ नहीं। अब तो बच्चों के साथ साथ हम लोगों को भी घर से निकलना दुश्वार हो गया है। गांव के लोग देखते ही अनाप-शनाप बोलने लगते हैं। Read Also: बिहार: फरसे से दो थाना प्रभारियों के हाथ, कान काटे, सिर फाड़ दिया
Source: hindi.oneindia.com