टीम इंडिया के प्रमुख कोच अनिल कुंबले से नाराज़ है बीसीसीआई !
टीम इंडिया के मुख्य कोच अनिल कुंबले का भविष्य एक बार फिर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के हाथों में है. आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी के बाद कुंबले का एक साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है. पिछले साल जून में तेंदुलकर, गांगुली और लक्ष्मण की तीन सदस्यों की क्रिकेट सलाहकार समिति ने कुंबले को कोच चुना था. कप्तान विराट कोहली के साथ के बावजूद कोच की रेस में रवि शास्त्री पिछड़ गए थे.
अब बीसीसीआई ने कुंबले का करार बढ़ाने की बजाए कोच पद के लिए आवेदन मंगाए हैं. कुंबले को आवेदन देने की ज़रूरत नहीं है. उनके नाम पर सीधे विचार किया जाएगा. सवाल है कि कुंबले को का कार्यकाल सीधे क्यों नहीं बढ़ा दिया गया? अमूमन सफल कोच का कार्यकाल बढ़ाने की परंपरा रही है. टीम इंडिया के सबसे कामयाब गेंदबाज रहे अनिल कुंबले के कार्यकाल में भारत ने 17 टेस्ट मैच खेले, इसमें से टीम ने 12 जीते, 4 ड्रॉ रहे और सिर्फ़ 1 टेस्ट में भारत को हार का सामना करना पड़ा. इस दौरान भारत टेस्ट में नंबर-1 बना रहा.
ख़बर है कि जिस तरह कुंबले ने खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ़ के वेतन बढ़ाने की मुहिम की अगुआई की है वह बीसीसीआई के पुराने सदस्यों को नागवार गुजरी है. कुंबले और कोहली ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त COA यानी Committee of Administrators के सामने अपना पक्ष रखा था. कोहली और कुंबले फ़ीस में करीब 150 फ़ीसदी बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. COA के अध्यक्ष विनोद राय और विक्रम लिमये ने बोर्ड के सदस्यों को मामले को देखने के लिए कहा. तो क्या कुंबले से नाराज़ होकर बीसीसीआई ने कोच पद के लिए आवेदन मंगाए हैं?