उत्तराखण्ड में निर्दलीय विधायक बनेगा सीएम, क्या मधु कोड़ा की तरह होगी ताजपोशी ?
उत्तराखंड विधान सभा चुनाव के मतदान पूर्ण हो गए हैं , सभी दिग्गज प्रत्याशियों के साथ साथ निर्दलीय व युवा प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला भी 15 फरवरी को EVM में कैद हो चुका है, जिस तरह से अनुमान लग रहे हैं या यूँ कहें कि चुनावी माहौल को देखा जाए तो कई सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिला है।
राष्ट्रीय दलों ने लगभग प्रत्येक सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, तो एकमात्र क्षेत्रीय दल ने भी लगभग 55 सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं. कई सीटों पर तो सीधी टक्कर कांग्रेस बीजेपी में ही देखने को मिली लेकिन चुनिंदा सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी भी सीधी टक्कर में दिखाई दिए, ऐंसे में अगर किसी भी दल को बहुमत नही मिलता तो सीधा सा फॉर्मूला है कि राज्य में जो भी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में आएगी वो निर्दलियों या किसी अन्य दल का समर्थन लेकर सरकार बना लेगी। लेकिन क्या कुछ निर्दलीय इतने सक्षम या नेतृत्वकर्ता होंगे जो सिर्फ निर्दलियों की सरकार बना लें और बिना दिल्ली दरबार के इशारे के राज्य हित में सरकार चलायें , अगर इस तरह से कुछ निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतकर आते हैं और अपनी ताकत का सही इस्तेमाल करते हैं तो निश्चित ही इस बार उत्तराखण्ड राज्य में किसी पार्टी का सीएम न होकर, निर्दलीय विधायक ही 2017 में उत्तराखण्ड राज्य का सीएम होगा। जिस तरह एकमात्र निर्दलीय विधायक मधुकोड़ा 2006 में झारखण्ड में मुख्यमंत्री बन गया था।