Zoo में युवक को खा गया था बाघ, अब युवती के साथ हुई कुछ एेसी ही घटना

नई दिल्ली । एक बार फिर चिड़ियाघर की सुरक्षा व्यवस्था तार-तार हुई है। बुधवार शाम सुरक्षा घेरा फांदते हुए एक युवती बाड़े में गहरे पानी में कूद गई। गनीमत थी कि यह बाड़ा पेंटेड स्टार्क प्रवासी पक्षियों का था। चौंकाने वाली बात यह थी कि उस दौरान बाड़े के आसपास कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था।

जहां वह कूदी थी, वहां करीब पांच फीट गहरा पानी था। इस दौरान बाड़े के किनारे खड़े लोग मूकदर्शक बने रहे। हालांकि, कुछ लोगों ने इसकी सूचना चिड़ियाघर प्रशासन को दी। यह अलग बात है कि दूसरे दिन चिड़ियाघर प्रशासन ने युवती की अंगूठी ढूंढ़कर उसे दी।

इस तरह की एक अन्य घटना सितंबर 2014 में हुई थी, जिसमें सफेद बाघ के बाड़े में मकसूद नाम का एक शख्स कूद गया था। उस शख्स पर विजय नामक बाघ ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई थी।

वैसे, चिड़ियाघर में पर्यटकों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए दैनिक जागरण ने 9 दिसंबर को एक खबर प्रकाशित की थी, जिसे चिड़ियाघर प्रशासन अगर गंभीरता से लेता तो शायद इस तरह की घटना नहीं होती।

50 हजार रुपये है अंगूठी की कीमत

जानकारी के मुताबिक पक्षियों को निहारने के दौरान युवती की कीमती अंगूठी बाड़े के गहरे पानी में गिर गई थी। निर्माण विहार में रहने वाली युवती दोस्तों के साथ चिड़ियाघर पहुंची थी। अंगूठी की कीमत करीब 50 हजार रुपये थी। युवती ने जान की परवाह न करते हुए सुरक्षा ग्रिल को पार कर बाड़े में छलांग लगा दी।

युवती के दोस्तों का आरोप देरी से पहुंचे चिड़ियाघर प्रशासन कर्मी

आरोप है कि सूचना देने के करीब 20 मिनट बाद चिड़ियाघर के कर्मी पहुंचे और वे भी युवती को बाहर निकालने की जगह गहरे और गंदे पानी में अंगूठी तलाशने में लग गए। हालांकि, युवती और चिड़ियाघरकर्मियों के काफी प्रयास के बावजूद अंगूठी हाथ नहीं आई।

पूरे घटनाक्रम की होगी जांच

वहीं युवती के दोस्तों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अंगूठी गिरने की जानकारी वन्य कर्मियों को दी गई थी, लेकिन कोई सहयोग नहीं मिला। इस कारण युवती बाड़े में कूदी। इस पूरे घटनाक्रम पर चिड़ियाघर की निदेशक रेनू सिंह ने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि अगर ऐसा कुछ हुआ है तो वे इसकी जांच करवाएंगी।

रेलिंग पर भी चढ़ जाते हैं शरारती तत्व

वहीं बाड़ों के बाहर लगी रेलिंग की ऊंचाई इतनी नीची है कि कोई भी उस पर आसानी से चढ़ सकता है। सुरक्षाकर्मी मौजूद न होने की स्थिति में बाड़ों के बाहर ऐसा नजारा आमतौर पर देखने को भी मिलता हैं, शरारती तत्व रेलिंग पर चढ़कर वन्य प्राणियों को देखने लगते हैं। साथ ही उन्हें परेशान भी करते हैं।

कैमरा खराब, सुरक्षा पर भी उठे सवाल

वहीं सफेद बाघ के बाड़े में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जो सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था वो धुल फांक रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले लंबे समय से यह कैमरा खराब पड़ा है, जिसकी कोई सुध नहीं ले रहा हैं।

बाड़े में लगे कैमरे की मौजूदा स्थिति को देखकर भी इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि वो कैमरा चलता भी होगा। वहीं दूसरे बाड़ों में कैमरे तक नजर नहीं आते हैं।

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