तलाक का केस कोर्ट पहुंचा तो जज ने पत्नी को करवा चौथ की शॉपिंग कराने का दिया आदेश

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तलाक के लिए फैमली कोर्ट पहुंचे एक मामले में जज ने पति को करवा चौथ की शॉपिंग करने का निर्देश दिया। दरअसल, महिलाएं करवा चौथ का जो व्रत अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती है, वहीं व्रत एक परिवार को जोड़ने का सबब बन गया है। भोपाल जिला कोर्ट में तलाक के लिए पहुंचे एक केस को जज ने उस समय अगली सुनवाई तक रोक दिया जब पत्नी ने कहा कि उसने पिछले साल करवा चौथ का व्रत रखा था और पति उसे तुड़वाने तक नहीं आया। भोपाल फैमली कोर्ट में आए तलाक के इस केस में न्यायाधीश ने रिश्ते को बचाने की कोशिश करते हुए पति को निर्देश दिया कि वह तलाक के केस की सुनवाई बाद में करेंगे, पहले जाकर पत्नी को करवा चौथ की शॉपिंग करवाओ। फैमली कोर्ट में भोपाल के लालघाटी क्षेत्र के निवासी एक पुरूष ने तलाक के लिए आवेदन किया था। जिसमें उसने बताया कि 2014 में उसकी शादी हुई थी। पत्नी संविदा पर नौकरी करती थी। तीन साल तक तो दोनों के बीच संबंध मधुर थे और सब कुछ अच्छा चल रहा था। इस दौरान उसे पता चला कि उसकी पत्नी का किसी से अफेयर चल रहा है। चूँकि पत्नी के ऑफिस के लोगों में उसके दोस्त व मिलने वाले लोगों ने उसे ऑफिस में पत्नी के अफेयर के बारे में बताया। इस बात को लेकर तनाव इतना बढ़ा कि पत्नी अपना सामान लेकर मायके चली गई। उसके बाद दो साल तक उनके बीच कोई तचीत नहीं हुई। जिसके बाद आपसी सहमति से उन्होंने तलाक का प्रकरण न्यायालय में लगा दिया।जबकि पत्नी ने काउंसलर को बताया कि उनकी अरेंज मैरिज है। तीन साल अच्छे से गुजरे और पति उसकी खूब मदद करते थे। हर बात में साथ देते थे। उसके ऑफिस के लोगों से मिलते जुलते थे। अचानक जाने क्या हुआ कि पति का व्यवहार बदल गया। कटे-कटे से रहने लगे और वह हर बात पर झगड़ा भी करने लगे। अचानक ऑफिस पहुंच जाना और किससे मिल रही हो इसका हर रोज हिसाब मांगना, यही नहीं हद तो तब हो गई जब ऑफिस टूर के दौरान एक पुरुष साथी के साथ नाम जोड़कर मुझे खूब जलील किया। जबकि उस पुरुष साथी से मेरा कोई लेना देना नहीं था। उस दिन मेरे आत्म-सम्मान को ठेस पहुँची। महिला ने बताया कि वह ऐसे पुरुष के साथ कैसे रह सकती थी जो शक की नजर से उसे देखता हो।

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