अखिलेश ने करहल को ही क्यों चुना, कितनी सेफ है यह सीट?

लखनऊ । पिता के संसदीय क्षेत्र मैनपुरी की करहल सीट से अखिलेश के चुनाव लड़ने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, हालांकि इसको लेकर पार्टी की ओर से अभी किसी तरह की पुष्टि नहीं हुई है। अखिलेश के करहल से चुनाव लड़ने की खबर सामने आने के बाद मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट यूपी ही नहीं पूरे देश की राजनीति में हॉट सीट बन गई। अखिलेश ने आजमगढ़ और संभल को छोड़कर करहल को ही क्यों चुनाव सियासी गलियारों में इस बात भी चर्चा है। दरअसल मैनपुरी, इटावा, फर्रुखाबाद और सैफई सपा का गढ़ माना जाता है। मैनपुरी से पिता मुलायम सिंह यादव अभी सांसद भी हैं। सियासी आंकड़ों पर बात करें तो करहल में अभी तक सपा का ही कब्जा रहा है, यहां से केवल एक बार ही भाजपा ने जीत दर्ज कराई है। यही कारण है कि अखिलेश यादव ने सपा की सबसे सेफ मानी जाने वाली करहल सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सीएम योगी की तरह अपने ही गढ़ में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक अखिलेश के अपने गढ़ में चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए भी लिया गया है कि वह यहां से चुनाव लड़ने के दौरान पूरे प्रदेश पर फोकस कर सकें। करहल से ताल ठोंकने के बाद अखिलेश को इस सीट पर ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। मैनपुरी के करहल सीट उस समय चर्चा में आ गई जब अखिलेश यादव ने यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। सपा की सबसे सेफ मानी माने वाली करहल के इंटर कॉलेज से मुलायम सिंह यादव ने पढ़ाई की थी। करहल में आज तक सिर्फ एक बार ही भाजपा चुनाव जीती है। इस सीट से 2002 में सोबरन सिंह भाजपा से चुनाव जीते थे, लेकिन 2007 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले ही वह सपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद 2007, 2012 और 2017 में सपा की सीट से विधायक बने थे।

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