अशोक परनामी पर वसुंधरा राजे ने ली चुटकी

जयपुर। मकर संक्रांति का पर्व देश भर में मनाया जाता है, लेकिन जयपुर में इस त्यौहार की खास रंगत पतंगबाजी के चलते मशहूर है। इस बार भी मकर सक्रांति पर जयपुर में पतंगबाजी हुई. चारदीवारी के भीतर पुराने शहर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी पतंगबाजी का लुत्फ लेने पहुंची। इस दौरान जो कुछ हुआ उसे देख छत पर मौजूद कई लोग हैरान रह गए तो कई मुश्किल से अपनी हंसी रोक पाए। पतंगबाजी के दौरान अशोक परनामी ने राजे से डोर ली और उसके बाद जो कुछ हुआ वह कइयों को चुनाव और नतीजों की यादों के झरोखे में भी ले गया। मकर संक्रांति के दिन राजधानी जयपुर में भी चारदीवारी के भीतर पुराने शहर में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बीजेपी के दिवंगत नेता रामदास अग्रवाल और प्रदेश मंत्री अरुण अग्रवाल के पुश्तैनी मकान पर पतंगबाजी के लिए पहुंची. हालांकि वसुंधरा राजे न तो खांटी पतंगबाज है और न उन्हें पतंग उड़ाने का ज्यादा शौक है। लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के आग्रह पर वह सकरात (संक्रांति) के दिन पतंगबाजी का नजारा देखने छत पर पहुंची। इस दौरान वसुंधरा राजे के हाथ में भी एक पतंग की डोर थी। पतंग अचानक नीचे जाने लगी तो वसुंधरा राजे ने मदद मांगी। इस मदद के लिए हर बार की तरह तत्पर रहने वाले अशोक परनामी ने हाथ बढ़ा दिए। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने डोर अपने हाथ में ले ली। इस पर वसुंधरा राजे ने कहा कि आप पतंग संभालो और यह मान ले कि मैंने ही डोर थाम रखी है।

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