उत्तराखण्ड में नये आयाम स्थापित करता कैलाश अस्पताल, जनता के बीच कर रहा संजीवनी का काम

देहरादून, । कैलाश हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने एक 27 वर्षीय युवक को नया जीवन दिया है। इस युवक की बड़ी नस दो सेंटीमीटर की जगह फूलकर 12 सेमी की हो चुकी थी और एक जगह खून नस की दीवार में घुस रहा है। यह नस कभी भी फट सकती थी। अस्पताल के चिकित्सकों की टीम द्वारा इस मरीज का सफल आप्रेशन कर उसे नया जीवन दिया गया। हास्पिटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डा. अखिलेश पाण्डेय ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व एक 27 वर्षीय एक युवक उनकी ओपीडी में आया और बताया कि छाती में दर्द हो रहा है जो कि पीछे पीठ तक जा रहा है। दर्द से पहले उन्हें बुखार हुआ था। सीटी एंजियोग्राफी करने पर पता चला कि उनकी बड़ी नस दो सेंटीमीटर की जगह फूलकर 12 सेमी की हो चुकी थी और एक जगह खून नस की दीवार में घुस रहा है। यह नस कभी भी फट सकती थी। अस्पताल के चिकित्सकों की टीम द्वारा इस मरीज का सफल आप्रेशन किया गया। मुजफ्फरनगर निवासी इस मरीज को चलने में सांस की तकलीफ होने लगी थी। डा. अखिलेश ने बताया कि मरीज की बड़ी नस व उसके साथ जुडे़ वाल्ब को बदला गया, कृत्रिम नस व वाल्ब डाला गया। आप्रेशन के दौरान 140 मिनट तक मरीज की धडकन को बंद रखा गया। तीन घंटे के लिए उन्हें हार्ट लंग मशीन से जोडा गया और अगली सुबह उनका वेन्टीलेटर हटाया गया और तीन दिन में वह वार्ड में चले गये व पांचवें दिन छुट्टी के लिए तैयार हो गये और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। पत्रकार वार्ता में अस्पताल के डायरेक्टर पवन शर्मा व डा. गौतम एवं अन्य सर्जन भी उपस्थित रहे।

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