उत्तराखंड : लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का पुनर्गठन

देहरादून ।उत्तराखंड में होने वाले छात्रसंघ चुनाव इसबार देश में कर्इ मायनों में ऐतिहासिक होने जा रहा है। चुनाव के लिए जहां एक ओर देश के किसी राज्य में पहली बार लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का पुनर्गठन किया गया है। तो वहीं सभी कॉलेजों के छात्रसंघ चुनाव एकसाथ होंगे। वहीं, प्रदेश के सबसे बड़े डीएवी कॉलेज चुनाव प्रक्रिया दो दिन में संपन्न होगी। प्रदेश के सभी शासकीय, अशासकीय और पांच विश्वविद्यालय परिसरों में चुनाव लिंगदोह कमेटी की पुनर्गठित सिफारिशों के अनुसार होंगे।उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का पुनर्गठन किया गया और बदले नियमों के अनुसार पूरे प्रदेश में एक ही तिथि को चुनाव किए जाएंगे। इसके अलावा पहली बार चुनाव में कई नियमों को लागू किया जा रहा है। मसलन कोई भी छात्र संगठन महाविद्यालय कैंपस से बाहर चुनाव रैली एवं शक्ति प्रदर्शन नहीं कर पाएगा। हालांकि अभी दून के चार बड़े महाविद्यालय डीएवी, डीबीएस, एमकेपी एवं श्री गुरूराम राय महाविद्यालय में प्रचार शुरूआती दौर में है। जिसके तहत कुछ छात्र संगठनों ने ही इक्का-दुक्का बैनर एवं पोस्टर लगाए हैं, लेकिन जैसे-जैसे प्रचार जोर पकड़ेगा वैसे-वैसे लिंगदोह नियमों की अवहेलना के मामले सामने आ सकते हैं।छात्र संघ चुनाव के लिए नये नियमों के तहत महाविद्यालय में चुनाव के लिए बाहरी सरकारी अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश प्रभारी उच्च शिक्षा सचिव अशोक कुमार ने उच्च शिक्षा के प्रभारी निदेशक डॉ.जेसी घिल्डियाल को दिए हैं। निदेशक की ओर से प्रदेश के सभी महाविद्यालय के प्राचार्य को इसकी प्रति भेजी गई है। चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर चुनाव के लिए तैनात किए गए प्रशासनिक अधिकारी तत्काल चुनाव को रद कर सकता है। छात्र संघ चुनाव में खर्चे की अधिकतम सीमा पांच हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गई है।
केवल दस हजार से अधिक छात्र संध्या वाले डीएवी महाविद्यालय देहरादून एवं एमबी महाविद्यालय हल्द्वानी में खर्च की सीमा 50 हजार रुपये होगी। चुनाव लड़ने वाले स्नातक के छात्र की आयु सीमा 17 से 22 वर्ष एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थी की उम्र एक जुलाई 2018 तक 25 वर्ष होनी चाहिए। प्रभारी उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. जेसी घिल्डियाल ने बताया कि महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव बाहरी सरकारी अधिकारी की निगरानी में होंगे। इस आशय का पत्र समस्त महाविद्यालय के प्राचार्य को भेज दिए गए हैं। अधिकारी एसडीएम या किसी अन्य विभाग का भी हो सकता है।

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