उत्तराखण्ड बना हड़ताल प्रदेश: रविन्द्र सिंह आनंद

देहरादून। उत्तराखण्ड में हर विभाग का हाल बुरा है जहां देखो कर्मचारी, शिक्षक, चिकित्सक सभी हड़ताल पर जा रहे है। कहना गलत नहीं होगा कि उत्तराखण्ड हड़ताल प्रदेश बन चुका है। और प्रदेश के मुखिया को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। उक्त आरोप आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र सिंह आनंद ने सरकार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत पर लगाए। उन्होंने कहा कि इतने महीनों से कोरोना की मार झेल तमाम विभागों के कर्मचारी जब अपनी डयूटी पूरी कर रहे है तो वे सरकार ये यह ही अपेक्षा रखते है कि उनको तमाम सुविधाएं भी मिले। परंतु ऐसा नहीं है पहले डाक्टरों ने हड़ताल की चेतावनी दी, नर्सेज ने और अब प्रदेश भर के शिक्षक हड़ताल पर है। उनका वेतन नहीं मिल रहा, जिन्हें मिल भी रहा है तो कट कटा कर। यहीं हाल नर्सेज और डाक्टरों के साथ है। श्री आनंद ने कहा कि जिन्होंने पूरे कोरोना काल में स्थिति को संभाले रखा और आज भी बिना एक दिन की भी छुुट्टी लिए जी जान सेे काम करने को मजबूर है उन डाक्टरों को और नेर्सज को प्रोत्साहित करने लिए सरकार इंसेंटिव के तौर पर कुछ देना तो दूर उनकी भी तंख्वाह काट रही है। शर्म आनी चाहिए ऐसे प्रदेश के मुखिया को जहां लोग काम कर रहे है और उसके बाद भी उनको तंख्वाह न मिल रही हों। एक शिक्षक अपनी नौकरी के ही भरोसे है और उसे महीनोें से सैलरी नहीं मिलेगी तो वे मजबूर हो कर हड़ताल ही करेगा। ऐसी स्थिति आने ही न दी जाए इसके लिए क्या कर रहेे है हमारे प्रदेश के मुखिया। वे जवाब दें इस प्रदेश के सभी हड़ताली कर्मचारियों को कि सरकार ने उनके लिए क्या सोचा है।

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