उत्तराखंड में 3.6 लाख टन आलू की पैदावार का लक्ष्य

देहरादून, ।रबी 2018 मे 2022 हजार हेक्टर मे आलु कि बुआई अनुमानित हैं। इस के मद्दे नजर आलु का वार्षिक उत्पादन उत्तराखंड राज्य में 3.6 लाख टन के लक्ष्य को पार करने कि सम्भावना है। बीज, बुआई, सिंचाई, मजदुरी, बिजली, डिजल, कि बढ़ती किमतों ने उत्तराखंड के आलु किसानो को अपनी चपेट में ले लिया हैं। पिछले दिनों सीड आलू (बीज के लिए आलू) की मांग स्थानिय किसानों में और पडोसी राज्यों से अच्छी रही हैं।देहरादून, ।रबी 2018 मे 2022 हजार हेक्टर मे आलु कि बुआई अनुमानित हैं। इस के मद्दे नजर आलु का वार्षिक उत्पादन उत्तराखंड राज्य में 3.6 लाख टन के लक्ष्य को पार करने कि सम्भावना है। बीज, बुआई, सिंचाई, मजदुरी, बिजली, डिजल, कि बढ़ती किमतों ने उत्तराखंड के आलु किसानो को अपनी चपेट में ले लिया हैं। पिछले दिनों सीड आलू (बीज के लिए आलू) की मांग स्थानिय किसानों में और पडोसी राज्यों से अच्छी रही हैं। मुंबई स्थित हेडक्वार्टर वाली इंडोफिल इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने उत्तराखंड में रबी 2018 पोटैटो प्रोटेक्शन कैम्पेन (पीपीसी) का आरम्भ किया है। यह पीपीसी कैम्पेन खासतौर पर नैनीताल, अल्मोडा, पिथौरागढ़, देहरादून और  उत्तरकाशी जिलों में की जा रही है । कृषि की नई तकनीक और उपज बढ़ाने के तरिके समझाने हेतु 15 से अधिक कृषिदुतो को इन जिलो में भेजा जा रहा है। रबी 2018 में एक विक्रमय रिकॉर्ड तोड़ फसल को सुनिश्चित करने की ओर यह इंडोफिल इंडस्ट्रीस लिमिटेड की पहल है। इंडोफिल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सीनियर मैनेजर श्री महेशकुमार खम्बेटे ने इस संदर्भ में कहा कि किसानों को बेहतर क्रोप डिसीज मैनेजमेंट व नई उत्पादन तकनीक का प्रशिक्षण देकर, प्रति एकड़ औसतन 100-110 क्विंटल होने वाली आलू की फसल को आसानी से 10 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है इसके लिए किसानों के प्रशिक्षण हेतु कार्यक्रम उनके खेतों में, कृषि मंडी और दुकानों में आयोजित किये जा रहे हैं। आलू की फसल में कीट, बीमारियों तथा जंगली घास का भारी संक्रमण उत्तराखंड के किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है। किसानों को उन्नत डिसीज डायग्नोसिस तकनीक तथा आधुनिक किफायती पटैटो प्रोटेक्शन सोल्यूशन के बारे में प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। स्प्रिंट जैसे सीड ट्रीटमेंट उत्पाद आलू के पौधों में मिट्टी से होने वाली बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं । एक समान अंकुरण, बेहतर जड़ की पकड़ तथा शाखाओं के विकास में मदद करते है। पौधे को पूर्णतरू सशक्त बनाने में स्प्रिंट का महत्वपूर्ण योगदान है। इंडोफिल एम45 तथा इंडोफिल जेड78 जैसे सुरक्षा देने वाले स्प्रे किसानों को अर्ली ब्लाइट  तथा लेट ब्लाइट जैसी कई खतरनाक बीमारियों से सुरक्षा एवं प्रभावी प्रबंधन के लिए सहायक है। ये दोनों ही फंगीसाइड (कवकनाशी ) आलू की फसल के पोषण के लिए भी लाभकारी हैं। इंडोफिल निर्मित नया फॉर्म्युलेशन यूरोफिल- लो पार्टिकल साइज तथा हायर सस्पेन्डिबिलिटी की वजह से आलू की फसल पर शानदार परिणाम देता पाया गया है । युरोफिल का स्प्रे फाइन नोजल से किया जा सकता है । इंडोफिल के विशेष उत्पाद मॉक्सीमेट तथा मैटको लेट ब्लाइट पर नियंत्रण में सहायता करते है। मॉक्सीमेट पौधों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है तथा मॉक्सीमेट ब्लाइटस फंगल रेजिस्टेंस को तोड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *