कुमारस्वामी का असहनीय दर्द
एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं। उन्हें यह सौभाग्य दूसरी बार मिला है और इसे भी संयोग ही कहा जाएगा कि पहली बार भाजपा के सहयोग से वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे और इसबार कांग्रेस की मदद से सीएम बने हैं। उस समय भी भाजपा के विधायक ज्यादा थे और इस बार भी समर्थन देने वाली कांग्रेस के विधायक ज्यादा हैं। पहली बार कांग्रेस के साथ साझा सरकार को तोड़कर कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे और इस बार भाजपा के जबड़े तक पहुंच चुकी सत्ता को छीनकर कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने हैं। उनके लिए हालात दोनों समय कठिन थे लेकिन उन दिनों एचडी कुमारस्वामी का दर्द इस तरह कभी नहीं छलका था बलि्ंक सहयोगी दल भाजपा को ही समझाते नजर आते थे लेकिन इस बार उनके बयान जिस तरह से पढ़ने को मिल रहे हैं, उससे कुमार विश्वास की एक कविता की पंक्ति याद आती है- समंदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकता। श्री कुमार स्वामी ने गत दिनों यहां तक कह दिया कि मैं विषकण्ठ बन गया हूं, इस सरकार के दर्द को निगलने के लिए। एचडी कुमार स्वामी के इस तरह के हालात ज्यादा दिन साझा सरकार को नहीं ढो पाएंगे और उनकी पार्टी जनता दल-एस (जेडीएस) इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि उसने कांग्रेस के प्रस्ताव को बहुत ही उत्साह के साथ स्वीकार किया था और जेडीएस के कम विधायक होते हुए भी मुख्यमंत्री बनने की शर्त भी रखी थी।
बेंगलुरू में 14 जुलाई को मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी मंच पर बैठे-बैठे रो पड़े। उन्होंने कहा कि मेरा दर्द जनता समझ नहीं सकती। कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे जनतादल एस के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पुत्र एचडी कुमार स्वामी का दर्द आखिर सामने आ ही गया। वह गठबंधन सरकार से इतना परेशान नजर आये कि फूट-फूट कर रोने लगे। मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं देने आये लोगों से कुमार स्वामी ने कहा कि आप मुझे शुभकामनाएं देने के लिए गुलदस्ते लिये खड़े हो क्योंकि आपका एक भाई मुख्यमंत्री बन गया है और आप सभी खुश हो, लेकिन मैं नहीं। मैं गठबंधन सरकार का दर्द जानता हूं। मैं विषकंठ बन गया हूं और मैंने इस सरकार का दर्द निगला है। हालांकि श्री कुमार स्वामी ने जब यह कहा कि मैं गठबंधन सरकार का दर्द जानता हूं। तब यह संदेश भी बाहर आया कि उन्हें भाजपा के साथ सरकार बनाने में भी इसी तरह की पीड़ा हुई थी। इसलिए गठबंधन की सरकार के दोनों अनुभव उन्हें कष्ट दायक रहे हैं। इन दिनों जिस तरह की खबरें वहां से मिल रही है उसके अनुसार कर्नाटक में मुख्यमंत्री कुमार स्वामी पर गठबंधन की सहयोगी पार्टी निर्णयों को लेकर दबाव बनाती है। बीते दिनों ही कांग्रेस ने मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी पर बजट में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गयी बढ़ोत्तरी वापस लेने के लिए दबाब बनाया था। श्री कुमार स्वामी ने पेट्रोल और डीजल पर राज्य के टैक्स में बढ़ोत्तरी की है। इससे जनता को पेट्रोल महंगा मिल रहा है।
कांग्रेस को इन मामलों में सामंजस्य रखना चाहिए। गत 10 जुलाई को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री कुमार स्वामी के जवाब से पहले ही कांग्रेसनेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कीमतों में बढ़ोत्तरी वापस लेने की मांग की है क्योंकि इससे आम लोगों पर बहुत असर पड़ेगा। इस प्रकार सिद्धारमैया ने विधानसभा में यह बताने का प्रयास किया कि आम लोगों की चिंता जितनी कांग्रेस को है उतना जनता दल (एस) और मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी को नहीं है इससे पूर्व सिद्धरमैया यह नहीं चाहते थे कि कुमार स्वामी
अपनी सरकार का पूर्ण बजट पेश करें क्योंकि चुनाव से पहले सिद्धारमैया पूरक बजट पेश कर चुके थे। इस प्रकार माना जा रहा है कि कांग्रेस
अधिकांश फैसलो पर मुख्यमंत्री पर दबाव डालती है।
यह कोई असामान्य बात भी नहीं है। इसलिए गत 14 जुलाई को मुख्यमंत्री कुमार स्वामी जब इतना भावुक हो गये, तब कांग्रेस नेता भी हैरत जताने लगे थे। कांग्रेस की तरफ से डिप्टी सीएम बनाये गये जी परमेश्वर ने कहा कि वह (कुमार स्वामी) ऐसा केसे कह सकते है। उन्हें निश्चित रूप से खुश होना चाहिए।