सेंसर बोर्ड पर इस डायरेक्टर का आरोप- प्रसून जोशी आए हैं, लेकिन सिस्टम पहले जैसा ही है

पहलाज निहलानी का सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल विवादास्पद रहा था. लेकिन ऐसा लग रहा है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के साथ जुड़ा विवादों का नाता खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. थिएटर डायरेक्टर जनक तोपरानी ने सीबीएफसी पर नए डायरेक्टरों के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है, “आपको अपनी फिल्म पास कराने के लिए बड़े प्रोडक्शन हाउस या बड़े अभिनेता की जरूरत पड़ती है.”

वे बोर्ड के रवैए को लेकर परेशान हैं, क्योंकि उनकी फिल्म ‘कॉल फॉर फन’ के कुछ अंशों को काटकर ‘ए’ सर्टिफिकिट दिया गया, जबकि उन्होंने ‘यू’ सर्टिफिकिट की मांग की थी. तोपरानी ने अपने बयान में कहा, “हमारी फिल्म में शरारत से भरे कुछ दृश्य हैं और हंसी-ठहाके हैं. हमें ‘ए’ सर्टिफिकिट नहीं मिलना चाहिए था. फिल्म तो छोड़िए, हमारे ट्रेलर को भी छोटा किया गया. सीबीएफसी के सदस्यों को लगता है कि साइज ’36-24-36′ कहना अश्लील है. मुझे याद है कि बहुत-सी फिल्मों में ऐसे ही संवाद थे और उन्हें यूए सर्टिफिकिट दिया गया.”

फिल्म ‘कॉल फॉर फन’ का निर्माण फिल्मक्वेस्ट ने किया है और इस फिल्म की पटकथा तोपरानी ने लिखी है और वह इसके निर्देशक और सह-निर्माता भी हैं. इस फिल्म में जान खान, शुभांगी महरोत्रा, चारु असोपा, प्रशांत कनौजिया यानी सभी नए चेहरे शामिल हैं. फिल्म इस शुक्रवार को रिलीज हुई है. तोपरानी ने कहा, “बोर्ड के अध्यक्ष बदल गए हैं, अब प्रसून जोशी आए हैं, लेकिन सिस्टम पहले जैसा ही है. हमारी फिल्म में नए जमाने का हास्य तत्व मौजूद है, लेकिन उसे अशिष्ट या अश्लील नहीं कहा जा सकता. यह एक हास्य फिल्म है, फिर भी हमें ए सर्टिफिकिट दिया गया.”

News Source: khabar.ndtv.com

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