खल गया सच्ची कोरोना योद्धा तहसीलदार सुनैना राणा का यूं चले जाना, सीएम ने जताया शोक

रुड़की । युवा और जुझारू तहसीलदार सुनैना राणा सही मायने में कोरोना योद्धा थीं। उनका यूं चले जाना शहरवासियों को खल गया। जिस वक्त शहर में कोरोना संक्रमण और कंटेनमेंट जोन का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा था, बतौर कंटेनमेंट जोन नोडल इंचार्ज उन्होंने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई।
एक-एक गली में घूमकर न केवल लोगों को समझाया बल्कि दिक्कतों को भी दूर कर उनका दिल जीत लिया। इसके अलावा भी उनके कई सारे कार्य ऐसे हैं, जो अब लोगों की यादों में ही जिंदा हैं। तहसीलदार सुनैना राणा के सड़क हादसे में आकस्मिक निधन से हर कोई स्तब्ध है। करीब पांच महीने पहले लक्सर से रुड़की स्थानांतरित होकर आईं तहसीलदार सुनैना राणा ने कार्यभार संभालते ही बड़ी जिम्मेदारियों को अपना लिया।
उन्होंने तहसील के विभिन्न कार्यों को गति दी तो कोरोना काल में अपने कार्यों से खूब प्रशंसा बटोरी। उनके कार्यों को देखते हुए उन्हें कोरोना काल में रुड़की में कंटेनमेंट जोन का नोडल इंचार्ज बनाया गया। जहां भी कोरोना के केस मिले, वहां जिला प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार, कंटेनमेंट जोन बनाकर बल्लियां लगवाईं। लोगों को जागरूक करने के साथ उनकी समस्याओं का समाधान भी कराया।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामी बंसल बताती हैं कि बतौर कंटेनमेंट जोन इंचार्ज उन्होंने कड़ी मेहनत की और सभी कार्यों को बखूबी किया। इसके अलावा पिरान कलियर में वर्षों से अटकी बेशकीमती भूमि की हदबंदी का काम पूरा कराया। आशंका जताई जा रही थी कि हदबंदी होती है तो बड़ा संघर्ष हो सकता है। कुछ संगठनों ने धरना प्रदर्शन भी किया था, लेकिन तहसीलदार ने बेहद संजीदगी के साथ इस काम को पूरा कराया।
रुड़की की तहसीलदार सुनेना राणा, वाहन चालक सुंदर व अर्दली ओमपाल की सड़क हादसे में मौत हो गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगतों की आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।

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