घट रही खेती, बढ़ रहा उत्पादन, 20 सालों में 97 हजार हेक्टेयर कम हुआ कृषि क्षेत्रफल

देहरादून । उत्तराखंड में हर साल खेती वाली भूमि कम हो रही है। इसके बावजूद खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है। बीते 20 सालों में प्रदेश में 97 हजार हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल घटा है। मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि का क्षेत्रफल ज्यादा है। लेकिन सिंचाई सुविधाओं के अभाव व बिखरी जोत के कारण उत्पादक मैदानों से कम है। ऐसे में सरकार किसानों को क्लस्टर और संविदा खेती के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है।  राज्य गठन के समय कृषि का क्षेत्रफल 7.70 लाख हेक्टेयर था। जो वर्तमान में घट कर 6.73 लाख हेक्टेयर है। इन आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 97 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि में कमी आई है। वहीं, परती भूमि (जिसमें पहले खेती होती थी) का क्षेत्रफल 1.07 लाख हेक्टेयर से बढ़ कर 1.60 लाख हेक्टेयर हो गई है। यानी किसानों ने 53 हजार हेक्टेयर भूमि में खेती करना छोड़ दिया है। इन स्थितियों के बावजूद प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा है। कृषि विभागों के आंकड़ों के अनुसार राज्य गठन के दौरान खरीफ के तहत 2.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल और उत्पादन 5.8 लाख मीट्रिक टन था। वर्ष 2017-18 में खरीफ का क्षेत्रफल घट कर 2.61 लाख हेक्टेयर और उत्पादन 6.65 लाख मीट्रिक टन रहा। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि किसान अब उन्नत बीज, नई कृषि तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस कारण क्षेत्रफल घटने के बाद भी खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ रहा है। राज्य बनने के बाद प्रदेश में कृषि का क्षेत्रफल कम हुआ है। खेती को मुनाफे में लाने के लिए सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। यही वजह है कि प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला है। आने वाले समय में प्रदेश में कृषि का क्षेत्रफल बढ़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *