शिवराज सरकार के शासनकाल की नीतियों को लेकर प्रदेश की महिलाओं का सवाल?

भोपाल,। प्रदेश की अधिकांश महिलाएं जो अपने शराबी पतियों से परेशान हैं, हालांकि इस तरह की घटनाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह जब भोपाल के महापौर आलोक शर्मा के चुनाव प्रचार के दौरान झुग्गी बस्तियों में गये थे तो उस समय कई महिलाओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह समस्या रखी थी कि अभी तक तो शराब की दुकानों को बंद होने का समय कम था लेकिन अब तो हम और हमारे बच्चे रात के 12 बजे तक अपने शराबी पतियों की पिटाई और आक्रोश झेलते थे अब आपने उसका समय बढ़ा दिया तो हम रातभर पिटेंगे इस तरह की अपने शराबी पतियों से पीढि़त महिलाओं का मुख्यमंत्री का शराब के बारे में यह सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि एक ओर तो प्रदेश के गरीबों के लिये गर्भ से लेकर मृत्यु तक में तमाम तरह की योजनायें बनाकर वाहवाही लूटने में लगे हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश की महिलाओं और भांजे-भंाजियों के मामा और महिलाओं के भाई होने का दावा करते हैं तो वहीं अपने भांजियों और बहनों के पतियों को शराब की लत लगाकर उन्हें मौत के घाट उतारने में लगे हुए हैं तो इन महिलाओं के शराबी पतियों को शराब की लत लगाकर उन्हें मौत के घाट उतारने की योजना से तो यही साबित होता है कि वह महिलाओं और उनके भांजे-भांजियों के हमदर्द होने का ढिंढोरा तो पीटते हैं लेकिन उनके पतियों और पिताओं को शराब की लत लगाकर उन्हें मौत के घाट उतारने की ओर धकेलते हैं जिससे वह बेसहारा हो जाएं प्रदेश की अधिकांश महिलाओं का इस कार्यशैली को लेकर यह कहना है कि मुख्यमंत्री की यह नीति हमें समझ में नहीं आई कि जो अपने पतियों (जीजाओं) के प्रति उनकी यह भावना उन महिलाओं की समझ में नहीं आ रही है और न मुख्यमंत्री व भाजपा सरकार की कार्यशैली जिसके चलते प्रदेश में आये दिन जहरीली शराब और नकली शराब से असमय काल के गाल में समा रहे हैं और जिसकी वजह से कई परिवार बेसहारा हो जाते हैं?

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