सरकार के कायदे कानूनो को पलीता लगा रहे खनन माफिया

नदियों मे चला रहे है जेसीबी और पोकलैंड

इंडिया वार्ता ब्यूरों देहरादून। करोना के चलते सरकार ने लोकडाउन ४,० लगा कर दिशा निर्देशों के साथ खनन को मंजूरी दी थी यह सोच कर कि सरकार को राजस्व मिलेगा जिससे सरकार अपनी अर्थव्यवस्था को कुछ हद तक दुरुस्त कर सकेगी मगर कुछ मगरमच्छ के पेट जैसे खनन माफियो ने सरकार के तमाम दावों को दर किनार कर के राजधानी की नदियों का सीना खनन के नाम पर छलनी करना शुरू कर दिया ऐसा ही एक मामला आया है राजधानी से सटे सहस्त्रधारा क्षेत्र मे पडने वाली नदी काली राव मे जहाँ प्रदेश के मुखिया ने पुल की नीव का पत्थर हाल के दिनों मे ही लगाया था कालीराव नदी को लेने वाले बाहुबली ठेकेदार ने खनन पट्टा क्या लिया स्वम को स्वभू ही समझ कर सरकार के तमाम नियमों को दरकिनार कर जारी किये खनन के पट्टे की आड मे कालीराव के साथ साथ बल्डी नदी जो खनन के लिए प्रतिबंधित है मे भी जम कर खनन कराया और जब इतने मे भी पेट नही भरा तो नदी मे पोकलैड और जेसीबी भी उतार कर नदी को करीब करीब विनाश ही करने की ठान ली जब इस बारे मे गढवाल विकास निगम के उपाध्याक्ष और राज्य मंत्री कृष्ण कुमार सिघल से बात की तो उनहोने साफ साफ कहा कि छोटे पट्टो मे बडी मशीन से खनन की कतई इजाजत नही है इतना ही नही ठेकेदारों ने करोना के प्रचार प्रसार का भी पूरा इंतजाम किया हुआ है न ही तो मजदूरो को मास्क पहनाने की जरूरत समझी ना ही सैनेटाईजर की कोई व्यवस्था की और ना ही शोशल डिस्टेस का पालन किया जा रहा है अब देखने वाली बात ये है कि कया सारे नियम कायदे कानून सिर्फ गरीबो तक ही लागू होते है और इन रइसजादे ठेकेदारों के घर की बांदी बन जाते है या कानून का डंडा इनकी मनमानी पर भी लगाम लगाने का काम कर सकता है ।

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