बुरांश के पौधों से बन रहा प्रदेश का पहला जंगल

चंबा । नरेंद्रनगर वन प्रभाग के एसडीओ मनमोहन सिंह बिष्ट एवं जौनपुर रेंज के कर्मचारियों की कोशिशों से इन दिनों बुरांशखंडा में बुरांश का जंगल तैयार किया जा रहा है।राज्य वृक्ष बुरांश के पौधों से प्रदेश का पहला बुरांश का जंगल तैयार किया जा रहा है। जंगल के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए स्थानीय लोग व धनोल्टी ईको पार्क समिति की ओर से भी सहयोग किया जा रहा है। मसूरी वन प्रभाग के जौनपुर रेंज के बुरांशखण्डा में 5 हेक्टेयर क्षेत्र में उत्तराखंड का पहला बुरांश का जंगल तैयार किया जा रहा है। 2012 में मसूरी वनप्रभाग एवं जौनपुर रेंज के तत्कालीन वनक्षेत्राधिकारी मनमोहन सिंह बिष्ट ने इस क्षेत्र में बुरांश के पौधों का वनीकरण करने की योजना बनायी थी।वर्तमान में नरेंद्रनगर वन प्रभाग में बतौर एसडीओ तैनात मनमोहन सिंह बिष्ट ने बताया की उस समय रेंज की ओर से छह हजार पौधों की नर्सरी तैयार की गई थी।जिसके बाद वर्ष 2015-16 में बुरांसखंडा पांच हजार सात सौ बुरांश के पौधों का 5 हेक्टेयर भूमि पर रोपण कर व तारबाड़ लगा कर संरक्षण किया गया, जिनमें अब अच्छी वृद्धि देखी जा रही है।रविवार को मसूरी वन प्रभाग भ्रमण पर पहुंचे प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड जयराज ने बुरांशखंडा पहुंचकर बुरांस वनीकरण का स्थलीय निरीक्षण करते हुए जानकारी ली।उन्होंने बुरांस के वनीकरण को देखकर मसूरी वन प्रभाग व जौनपुर रेंज के अधिकारियों व कर्मचारियों की सराहना की। कहा कि प्रदेश में बुरांस का यह पहला सफल वनीकरण होगा।इस मौके पर मुख्य वन संरक्षक सुशांत पटनायक, वन संरक्षक अमित वर्मा, डीएफओ मसूरी कहकशां नसीम, एसडीओ सुभाष वर्मा, वन क्षेत्राधिकारी अनूप राणा आदि मौजूद थे। समुद्र तल से 15 सौ से तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर होने वाला राज्य वृक्ष बुरांश कई औषधीय गुणों से भरपूर है। बुरांश का पेड़ जहां जल संरक्षण में सहायक है, वहीं इसके फूल, पत्ती, छाल में भी औषधीय गुण विद्यमान होते हैं। बुरांश के फूलों का जूस बनाकर कई लोग अपनी आजीविका भी चला रहे है।

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