‘आप’ के हवाले पूरी दिल्ली, MCD भी भाजपा के हाथ से फिसली

नई दिल्ली । दिल्ली में अब आम आदमी पार्टी कैसे मजबूत हो गई है, सबसे ज्यादा नुकसान किसे हुआ है और आगे राजनीति किस तरह बदल सकती है, यह आठ बिंदुओं में जानिए…दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी के चुनाव नतीजों की तस्वीर साफ हो चुकी है। 15 साल बाद एमसीडी भाजपा के हाथ से फिसल गई है। 134 सीटें आम आदमी पार्टी को मिल गई हैं। भाजपा और कांग्रेस ने इस चुनाव में अपनी जमीन खोई है। आइए जानते हैं कि यह चुनाव चर्चा में क्यों रहा और नतीजों के मायने क्या हैं…

इसके तीन कारण हैं। स्वाभाविक तौर पर पहला कारण यह है कि यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आता है। दूसरा- दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, जो 2013 के बाद से यहां काफी मजबूत हुई है। तीसरा- दिल्ली नगर निगम आकार में बड़ा है। 2022-23 के लिए इसका बजट 15,276 करोड़ रुपये का है। क्षेत्रफल की बात करें तो एमसीडी का दायरा बृह्नमुंबई नगर निगम के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है।जब सुबह आठ बजे रुझान आने शुरू हुए तो भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच बराबरी का मुकाबला दिखा। इसके बाद आप 40 सीटों तक पहुंच गई। वहीं, भाजपा 15 सीटों के साथ रुझानों में पिछड़ती दिखी। इसके बाद एक बार भाजपा 104 और फिर 126 सीटों के साथ आगे निकल गई। बाद में दोनों पार्टियों में बराबरी का मुकाबला नजर आया। हालांकि, सुबह 10:30 बजे के बाद तस्वीर लगभग साफ हो गई। रुझानों में आम आदमी पार्टी 30 सीटों की बढ़त के साथ आगे निकल गई।

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