प्रदेश में बंदरों का आतंक बढ़ रहा जल्द मिलेगी निजात

देहरादून। बंदरों के आतंक से लोगों को निजात दिलाने के लिए अब प्रदेश में करीब 25-25 हजार की क्षमता वाले दो बंदरबाड़े बनेंगे। सौ-सौ हेक्टेयर वाले इन बाड़ों में से एक कुमाऊं और एक गढ़वाल में स्थापित किया जाएगा। मंगलवार को सचिवालय में हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। इसी के साथ बोर्ड ने बंदरों को पीड़क (वर्मिन) घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने को भी सहमति दी।  बोर्ड ने माना कि प्रदेश में बंदरों का आतंक बढ़ रहा है। बंदर फसल चौपट कर रहे हैं और लोग इस वजह से खेती छोड़ रहे हैं। बंदरों की नसबंदी के परिणाम भी तुरंत सामने नहीं आएंगे। बोर्ड के सामने हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर बंदरों को पीड़क घोषित कर मारने की अनुमति का प्रस्ताव रखा गया था। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को अनुमति दी, लेकिन कहा कि इससे समस्या का पूरा समाधान नहीं होगा। लोग बंदरों को धार्मिक भावना के कारण मारते नहीं हैं। तय किया गया कि प्रदेश में दो स्थानों पर बनने वाले बंदरबाड़ों को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि वहां बंदर प्राकृतिक आवास के रूप में रह सकें। इनके लिए प्राकृतिक आहार की व्यवस्था भी यहां की जाएगी और लोग चाहें तो यहां बंदरों को चना चबेना भी दे सकेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि संरक्षित क्षेत्रों से दूसरे स्थानों पर बसाए जाने पर वन्य ग्रामों के लोगों को भूमि संबंधी वही अधिकार मिलने चाहिएं, जो उन्हें अपनी पहले की भूमि पर प्राप्त थे। इसके लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए। बैठक में वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, विधायक सुरेश राठौर, दीवान सिंह बिष्ट, प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन,  मुख्य वन संरक्षक जयराज सहित वन विभाग के अधिकारी और राज्य वन्य जीव परिषद के सदस्य उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *