बिना जांच के फर्राटा भर रहीं रोडवेज बसें, निगम के बेड़े में 1500 बसें संचालित

देहरादून। परिवहन निगम के बेड़े में तमाम ऐसी बसेें हैं जो प्रदूषण जांच के कागजातों के बगैर ही सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं। यह स्थिति तब है कि जबकि प्रबंध निदेशक ने सभी सहायक महाप्रबंधकों को हिदायत दी है कि सड़कों पर महज उन्हीं बसों को ही उतारा जाय जिनके सभी कागजात दुरुस्त हों। इतना ही नहीं सड़कों पर दौड़ रही इन बसों में से तमाम ऐसी हैं जोे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से निर्धारित मानकों के विपरीत अधिक प्रदूषण फैला रही हैं।परिवहन निगम के आंकड़ों पर नजर डालें तो निगम के बेड़े में 1500 बसें संचालित हैं। इसमें से कई बसें ऐसी हैं जो बेहद पुरानी हैं और वे अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं। इन बसों द्वारा बड़े पैमाने पर प्रदूषण भी फैलाया जा रहा है। एक दिन पूर्व नई दिल्ली में जांच के दौरान ऐसी दो बसों पर एक एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है जो निर्धारित मानक से अधिक प्रदूषण फैला रही थीं। अब जबकि निगम की बसों को लेकर भारी भरकम जुर्माना ठोंक दिया गया है तो विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने मंगलवार को महाप्रबंधक समेत मुख्यालय के तमाम अधिकारियों के साथ बैठक कर इस मुद़दे पर चर्चा की। उन्होंने एक बार फिर अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि निगम में संचालित सभी बसों की फिटनेस के साथ ही प्रदूषण की भी जांच कराई जाए। ताकि जांच के दौरान भारी भरकम जुर्मानों से बचा जा सके।
मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने सभी सहायक महाप्रबंधकों को निर्देशित किया था कि सभी डिपो में प्रदूषण जांच केंद्र खुलवाएं जाएं ताकि समय समय पर बसों की प्रदूषण जांच की जा सके। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों की ओर से प्रदूषण जांच केंद्र नहीं खुलवाए गए।

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