हिमाचल प्रदेश में श्रद्धालुओं के लिए खुले मंदिरों के कपाट

नई दिल्ली । कोरोना महामारी के चलते हिमाचल प्रदेश में करीब दो माह बाद मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। शक्तिपीठ चामुंडा नंदिकेश्वर धाम,बज्रेश्वरी माता मंदिर,ज्वालामुखी, चिंतपूर्णी तथा नयनादेवी सहित सिरमौर जिले में माता बाला सुंदरी अन्य मंदिर दर्शनों के लिए आज खुल गए। मंडी जिला भूतनाथ व मंदिरों में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की रौनक बढ़ गई थी। मंदिर कोविड-19 दूसरी लहर के कारण से बंद थे। श्रद्धालुओं की आवाजाही नहीं हो पा रही थी। कोविड-19 नियमों की पालना के साथ मंदिरों को खोला गया है। सुबह छह बजे से रात के आठ बजे तक श्रद्धालु मंदिर में माथा टेक सकेंगे।मंदिरों में भजन-कीर्तन, जागरण व लंगर पर फिलहाल प्रतिबंध ही रहेगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने प्रमुख शक्तिपीठों को सैनिटाइज करवाया है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। माता श्रीनयना देवी के मंदिर के कपाट खुलने पंजाब से हजारों श्रद्धालु नतमस्तक होने पहुंचे। दोपहर एक बजे तक ही मंदिर में पांच हजार से श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। पंजाब से आए श्रद्धालुओं ने सबसे पहले माता के दर्शन किए। हालांकि इस दौरान शारीरिक दूरी के नियमों की धज्जियां उड़ती दिखीं।श्रीचामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर श्रद्धालुओं की आमद शुरू हो गई। दोपहर एक बजे तक सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां दर शीश नवाया। मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है। बाहर से ही दर्शन करवाए जा रहे हैं। मंदिरों में प्रसाद तथा तिलक लगाने की भी मनाही है। प्रदेश के कांगडा जिले के उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। उपमंडल अधिकारियों को मंदिरों का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है। मंदिरों में कोविड-19 नियमों की पालना हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा। अगर नियमों की अवहेलना कोई करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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