तेजस्वी यादव की दो टूक : पप्पू यादव की पार्टी में वापसी असंभव, जो नेता इसकी कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ होगी कार्रवाई

पटना: राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू यादव जब से जेल गये हैं उनके पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने प्रयासों से गुज़रे ज़माने के बाहुबलियों को जोड़ने में लगे हैं. लेकिन, नेता विपक्ष और राजद के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने साफ़ किया है कि मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव की पार्टी में वापसी का सवाल नहीं और जो पार्टी नेता इस सम्बन्ध में कोशिश करेंगे उनके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करने से वो नहीं हिचकेंगे. तेजस्वी से इस सम्बंध में जब पूछा गया तो इन्होंने साफ़ कहा कि पप्पू यादव को वापस लेने का कोई सवाल नहीं होता. पप्पू यादव ने हमेशा पार्टी विरोधी बयान दिया है.

ऐसे में उनकी वापसी की वकालत करने वाले पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को भी उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसे लोगों का समर्थन करने से बाज़ आए. पप्पू यादव ने कुछ दिन पहले ये घोषणा की थी कि वे रांची जा रहे हैं जहां राजद अध्यक्ष लालू यादव से उनकी मुलाक़ात होगी लेकिन तेजस्वी इस बात से ख़फ़ा है कि पप्पू ने मीडिया में इस ख़बर को ऐसे प्रचारित कराया कि लालू यादव ने उन्हें रांची बुलाया है जो तथ्यों से दूर था. हालांकि ना पप्पू रांची गये और ना ही ये मुलाक़ात हुई.

तेजस्वी यादव के बयान के बाद फ़िलहाल पप्पू यादव की घर वापसी असंभव दिखती है. पप्पू की समस्या है कि आज की तारीख़ में यादव और मुस्लिम वोटर राजद कांग्रेस के अलावा शायद किसी दूसरे को देगा. पिछली बार पप्पू राजद के टिकट पर चुनाव जीते लेकिन जीतने के बाद उन्होंने लालू यादव से ही ‘टकराना’ शुरू कर दिया. बाद में उन्होंने अपनी पार्टी भी बनायी और विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार भी उतारे लेकिन सबको हार का मुंह देखना पड़ा.

पप्पू को उम्मीद थी कि वो लालू के बाद यादवों के नेता बन जाएं लेकिन वहां तेजस्वी के सामने उन्हें भी अंदाज़ा हो गया है कि लोग उनकी नहीं सुनने वाले. लेकिन, तेजस्वी की चेतावनी के बाद निश्चित रूप से रघुवंश और शिवानन्द तिवारी जैसे नेताओं को आने वाले समय में एक संकेत मिल गया हैं कि तेजस्वी से बिना पूछे पप्पू और आनंद मोहन की पैरवी करने का कोई फ़ायदा नहीं.

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