उत्तराखण्ड के माथे पर कलंकः प्रीतम सिंह

देहरादून, । उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने जनपद उधमसिहनगर के विकासखण्ड सितारगंज के बिज्टी गांव निवासी किसान मुख्त्यार सिंह द्वारा की गई आत्महत्या पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए इस घटना को देवभूमि उत्तराखण्ड के माथे पर कलंक बताया है। उत्तराखण्ड राज्य में कर्ज के बोझ से दबे किसानो द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्या पर चिन्ता प्रकट करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को पत्र लिखकर इस सम्बन्ध में प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में 2017 में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपनी विभिन्न चुनावी सभाओं तथा भाजपा ने अपने दृश्टि पत्र में राज्य की जनता से वायदा किया था कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने की दशा में किसानों के कर्ज मॉफ किये जायेंगे। किसानों को ब्याज रहित ऋण दिया जायेगा तथा गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 15 दिन के अन्दर किया जायेगा। राज्य सरकार के कार्यकाल को एक वर्श से अधिक का समय व्यतीत होने के उपरान्त भी राज्य सरकार अपने इन वायदों पर अमल करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि देश में किसानों की आत्महत्या से अभी तक अछूती देवभूमि उत्तराखण्ड में भी 16 जून 2017 से किसानों की आत्महत्या का सिलसिला लगातार जारी है। बैंक व साहूकारों के कर्ज के बोझ से दबे अब तक कुल 9 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। जनपद पिथौरागढ़ के सुरेन्द्र सिह, जनपद टिहरी के विकासखण्ड प्रतापनगर निवासी दिनेश प्रसाद सेमवाल एवं विकासखण्ड चम्बा के राजकुमार, जनपद उधमसिंहनगर के विकासखण्ड खटीमा के रामऔतार एवं विकासखण्ड बाजपुर के बलविन्दर सिह द्वारा आत्महत्या की गई तथा उधमसिंहनगर के विकासखण्ड खटीमा के किसान भजन सिह की बैंक की वसूली के नोटिस आने के बाद हृदय घात से मृत्यु हुई और अब जनपद उधमिंसहनगर के बिज्टी गांव निवासी मुख्त्यार सिंह ने बैंक व साहूकारों लिए कर्ज को न चुका पाने के कारण आत्महत्या का रास्ता अख्तियार किया है, यह गम्भीर चिन्ता का विशय है। प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड की देवभूमि में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला आगे न बढ़े, इस हेतु राज्य सरकार के स्तर पर किसानों की समस्याओं के समाधान की दिशा में अविलम्ब ठोस प्रभावी कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। उन्हेंने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मांग करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के किसानों का ऋण तत्काल माफ किया जाय। किसानों की फसलों का समर्थन मूल्य घोशित करते हुए किसानों के उत्पादों को खरीदा जाय तथा मौसम की मार से बर्बाद हुई फसलों का किसानों को उचित मुआबजा दिया जाय। राज्य के किसानों को कृशि कार्य हेतु ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाय तथा मृतक किसानों के आश्रितों को समुचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाय।

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