दिल्ली: नौ साल तक कम हो रही है उम्र, अब प्रदूषण पर होगा चौतरफा वार
नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से 15 मार्च के बीच ग्रेडिंग रिस्पांस सिस्टम लागू रहेगा। इस दौरान कूड़ा जलाने, धुआं छोड़ने वाले वाहनों और जनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। ढाबों और रेस्टोरेंट में लकड़ी व कोयले के प्रयोग पर भी रोक रहेगी।
नियमों की अवहेलना पर चालान किया जा सकता है। सर्दी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने मंगलवार को इंडिया हैबिटेट सेंटर में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की समीक्षा बैठक में इस संबंध में निर्देश जारी किए।
बैठक में ईपीसीए के चेयरमैन डॉ. भूरेलाल ने स्पष्ट निर्देश दिया कि वर्तमान में वायु प्रदूषण जिस स्तर पर है, सर्दी के मौसम में उससे अधिक नहीं होना चाहिए। सभी राज्य ग्रेडिंग सिस्टम पर निगाह रखने के लिए पेट्रोलिंग टीमों का गठन करें। नियमित रिपोर्ट लेकर नियमित कार्रवाई की जाए।
तय मानकों का पालन किया जाए
15 अक्टूबर से 15 मार्च तक ईंट-भट्ठे बंद रहेंगे। हरियाणा के करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, सिरसा और फतेहाबाद समेत अन्य जिलों में पराली जलाने के मामलों पर खास निगाह रखनी होगी। मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर और मुरादाबाद में अवैध रूप से पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियों पर भी सख्ती की जाए। भवन निर्माण कार्य में धूल न उड़े, तय मानकों का सौ फीसद पालन किया जाए।
उम्र नौ साल तक कम हो रही है
डॉ. भूरेलाल ने कहा कि प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर में लोगों की उम्र नौ साल तक कम हो रही है। अगर अभी भी सतर्क नहीं हुए तो स्थिति और भयावह होगी। उन्होंने रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन भी जल्द शुरू करने की बात कही। जल्द ही स्थानीय निकायों की बैठक बुलाई जाएगी, ताकि निचले स्तर तक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी, सीपीसीबी के अतिरिक्त निदेशक डॉ. प्रशांत गार्गवा सहित दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आला अधिकारी मौजूद थे। गौरतलब है कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जनवरी में ग्रेडिंग रिस्पांस सिस्टम के संबंध में अधिसूचना जारी की थी।