गढ़वाल- कुमाऊं के बीच की दूरियां कम करेगा सिंगटाली पुल – मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत

देहरादून । मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सिंगटाली पुल का निर्माण होने से न केवल टिहरी व पौड़ी जिलों के लोगों को लाभ होगा बल्कि यह पुल प्रदेश के दोनों मंडलों गढ़वाल व कुमाऊं के बीच की दूरी भी घटाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यह सिंगटाली, व्यासी, सतपुली, सिद्धखाल, रिखणीखाल, नैनीडांडा, रामनगर होते हुए यह मार्ग कुमाऊं को जोड़ने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि मोटरपुल पुराने चयनित स्थान पर बनेगा। इसके निर्माण का कार्य जल्द शुरू होगा। इसकी डीपीआर तैयार है और बजट का पूरा इंतजाम है। त्रिवेंद्र सरकार ने मोटरपुल के चयनित स्थान को रद्द कर तीन किमी आगे नए स्थान पर मोटरपुल बनाने के आदेश कर दिया था, लेकिन स्थानीय लोग इसके विरोध में आंदोलन कर रहे थे। उन्होंने राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी से भी शिकायत की थी।इस मामले की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। बलूनी ने मुख्य सचिव ओम प्रकाश को पत्र भेजकर मोटरपुल के पुराने चयनित स्थान को रद्द करने के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सामने यह मामला उठाया था। गढ़वाल सांसद होने के नाते मुख्यमंत्री पर भी आंदोलित ग्रामीणों की नाराजगी का दबाव था। इस चैतरफा दबाव के चलते प्रदेश सरकार को त्रिवेंद्र सरकार का आदेश पलटना पड़ा।मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि इस पुल के निर्माण को लेकर जनता बीते कई वर्षों से मांग रही थी, जिसके निर्माण का अब रास्ता साफ हो गया है। जनता की मांग पर इस पुल को पूर्ववर्ती स्थान पर ही बनाया जाएगा। पुल की डीपीआर व बजट तैयार है। उन्होंने जल्दी से जल्दी इस पुल का निर्माण शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी एक बार फिर उत्तराखंड की जनता से किए गए अपने वादे पर खरे उतरे। बलूनी के प्रयासों से ऋषिकेश-बदरीनाथ सड़क पर पौड़ी जिले को जोड़ने वाला प्रस्तावित सिंगटाली मोटर पुल के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। मोटर पुल को उसके पूर्व चयनित स्थान पर बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत ढांगू विकास समिति ने बलूनी का आभार जताया। बलूनी जब अपने गांव गए थे, उस दौरान समिति के लोगों ने उनसे पुल निर्माण का अनुरोध किया था। बलूनी ने मुख्य सचिव से पुल के बारे में जानकारी मांगी थी। पुल निर्माण देरी पर नाराजगी भी जताई थी। इसके बाद शासन ने मंगलवार को पुल निर्माण की मंजूरी दे दी।

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