मॉडल स्कूल: सुविधाओं की कमी, फर्नीचर के लिए छात्रों से मांगें जाएंगे पैसे

नैनबाग : सरदार सिंह राजकीय इंटर कालेज नैनबाग को मॉडल स्कूल तो बना दिया गया, लेकिन वहां आदर्श जैसा कुछ भी नहीं है। छात्रों को जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। यही नहीं, शिक्षा विभाग के सुनवाई न करने पर अभिभावक-शिक्षक संघ की बैठक में कुर्सी खरीदने के लिए छात्रों से पैसे लेने का फैसला लिया गया। इसके लिए हर छात्र से पांच सौ रुपये लिए जाएंगे। यह फैसला गरीब छात्रों के अभिभावकों की जेब पर भारी पड़ रहा है।

जनपद के सरदार सिंह राजकीय इंटर कालेज नैनबाग की स्थापना वर्ष 1998 में हुई थी। इस विद्यालय में तीन जनपदों टिहरी, उत्तरकाशी व देहरादून के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। गत वर्ष 2016 में विद्यालय को मॉडल विद्यालय के रूप में परिवर्तित कर तो कर दिया, लेकिन विद्यालय में सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। और सुविधा की तो बात छोड़िए, छात्रों के लिए बैठने को कुर्सी की व्यवस्था तक नहीं है। मजबूरी में छात्र जमीन पर बैठने के लिए मजबूर हैं। विद्यालय में फर्नीचर की व्यवस्था न होने पर शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी छात्र-छात्राओं से 500 रुपये आर्थिक सहयोग लिए जाने का निर्णय लिया गया। कई गरीब अभिभावकों ने इसमें असमर्थता भी जताई है। जब कुर्सी के लिए छात्रों से ही पैसे लिए जाने है तो फिर सरकारी स्कूल का क्या फायदा। अभिभावकों सुनील, खजान सिंह, आनंद सिंह, सरदार सिंह आदि का कहना है कि कहने को तो यह मॉडल स्कूल है, लेकिन यहां पर छात्रों को बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं है। शिक्षक-अभिभावक संघ के अध्यक्ष बचन सिंह चौहान का कहना है कि इस संबंध में कई बार विभाग को अवगत कराया गया है, लेकिन इस ओर जब ध्यान नहीं दिया गया तो बैठक में छात्रों से पैसे लिए जाने का निर्णय लिया गया।

वहीं मुख्य शिक्षाधिकारी दिनेश चंद्र गौड़ का कहना है कि विद्यालय को मॉडल स्कूल घोषित किए कुछ ही महीने हुए हैं। इसमें प्राथमिकता के आधार पर सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। विद्यालय में शीघ्र कुर्सी उपलब्ध कराई जाएंगी। जहां तक छात्र-छात्रों से कुर्सी के लिए पैसे लिए जाने का मामला है, तो यह अभिभावकों का अपना मामला है।

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