शीतकालीन यात्रा की तैयारियों में जुटे पांडुकेश्वर के ग्रामीण

चमोली | श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकाल में भगवान अपने बालसखा उद्धव जी के माध्यम से भक्तों को दर्शन देंगे। पांडुकेश्वर गांव के योग-ध्यान बदरी मंदिर में उद्धव जी विराजित हो चुके हैं और इसी के शुरू हो गई हैं शीतकालीन यात्रा की तैयारियां। इसके लिए ग्रामीण साफ-सफाई समेत अन्य व्यवस्थाएं बनाने में जुट गए हैं। इस बार यात्राकाल के दौरान जिस प्रकार रिकॉर्ड संख्या में यात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे, उससे उम्मीद है कि शीतकालीन यात्रा भी सुखद रहेगी।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उत्तराखंड के चारों धाम के लिए शीतकालीन यात्रा शुरू की गई थी। इसके बाद से श्रद्धालु शीतकालीन पूजा स्थलों में आकर पुण्य लाभ भी अर्जित कर रहे हैं। भगवान बदरी विशाल की शीतकालीन यात्रा पांडुकेश्वर के योग-ध्यान बदरी मंदिर और जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में चलती है।

हालांकि, 2013 की आपदा का असर शीतकालीन यात्रा पर पड़ा, लेकिन इस वर्ष जिस तरह बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा, उसने शीतकालीन यात्रा की उम्मीदों को भी पंख लगा दिए हैं।

शीतकालीन यात्रा को लेकर पांडुकेश्वर के लोग तैयारियों में जुट गए हैं। स्थानीय महिलाओं ने सोमवार को योग-ध्यान बदरी मंदिर मार्ग के अलावा गांव के अन्य धार्मिक स्थलों पर सफाई अभियान चलाया। ताकि यात्रा के दौरान यात्री स्वच्छता का संदेश भी अपने साथ ले जाएं। यात्रा के लिए व्यापारियों ने भी पांडुकेश्वर व आसपास के क्षेत्र में दुकानें सजा ली हैं।

पांडुकेश्वर गांव की महिला मंगल दल अध्यक्ष मनोरमा मेहता बताती हैं कि बदरीनाथ धाम में यात्राकाल के दौरान स्थानीय लोगों को अच्छा-खासा रोजगार मिला। शीतकाल में भी ऐसी ही उम्मीद है।

महिला मंगल दल की सदस्य विजया देवी का कहना है कि शीतकालीन यात्रा को लेकर महिलाओं ने योगध्यान बदरी मंदिर समेत अन्य धार्मिक स्थलों को संवार दिया है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ के अनुसार इस बार शीतकालीन यात्रा बढ़ने की उम्मीद मंदिर समिति को भी है। लिहाजा, समिति भी तैयारियों में जुट गई है।

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