कॉलेजों में दाखिला धांधली की जांच को सरकार ने दिए निर्देश

देहरादून :  राज्य के कुछ सरकारी डिग्री कॉलेजों में दाखिले को लेकर छात्रों की ओर से धांधली की शिकायतें मिली हैं। कुछ छात्र नियमों के विपरीत एक ही सत्र में एक से ज्यादा कॉलेजों में दाखिला ले रहे हैं। इससे सरकार भी सकते में है। लिहाजा छात्र-छात्राओं के डेटा को आधार से जोड़ा जाएगा। शासन ने उच्च शिक्षा निदेशालय को जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं उच्च शिक्षा निदेशालय में वर्षों से जमे हुए मिनिस्टीरियल स्टाफ को लेकर भी शासन की नजरें टेढ़ी हुई हैं। इन कार्मिकों का ब्योरा तलब किया गया है।

सरकारी डिग्री कॉलेजों में गलत सूचनाएं दर्शाकर छात्रों के एक ही सत्र में दो या तीन कॉलेजों में दाखिला लेने के मामले सामने आए हैं। इस धांधली को रोकने के लिए सरकार को रास्ता तलाश करने को मजबूर होना पड़ रहा है। लिहाजा दाखिले के समय अब छात्र-छात्राओं के डेटा को एकीकृत कर इसे आधार से जोड़ने का निर्णय लिया गया है। भविष्य में उक्त खामियां दोहराई न जा सकें, इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्रालय ने भी सावधानी और सख्ती बरतने को कहा है।

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत ने छात्र-छात्राओं के डेटा को आधार से जोडऩे की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय के निर्देश पर शासन ने उच्च शिक्षा निदेशालय को कॉलेजों में प्रवेश की जांच को कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं कॉलेजों से गैर हाजिर रहने वाले छात्रों के अभिभावकों को पत्र भेजे जाएंगे।

कॉलेजों में काफी संख्या में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति औसत से कम होने से महकमे के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो गई हैं। इसे देखते हुए दस कॉलेजों में ऑडिट कराने का निर्णय भी लिया गया है।

अन्य अहम फैसले में उच्च शिक्षा निदेशालय में मिनिस्टीरियल स्टाफ के वर्षों से जमे कर्मचारियों को हिलाने का निर्णय लिया गया है। निदेशालय में ऐसे कार्मिकों की संख्या भी काफी है जो पांच वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हैं। उच्च शिक्षा अपर सचिव डॉ रंजीत सिन्हा ने इन कार्मिकों को स्थानांतरित करने के संबंध में निदेशालय को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।

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